दिशाहीन संसार को बचाने आगे आएं छात्र : शंकराचार्य

अद्यंत हायर सेकेंडरी स्कूल का स्थापना दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Nov 2018 03:46 PM (IST) Updated:Tue, 06 Nov 2018 03:46 PM (IST)
दिशाहीन संसार को बचाने आगे आएं छात्र : शंकराचार्य
दिशाहीन संसार को बचाने आगे आएं छात्र : शंकराचार्य

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : अद्यंत हायर सेकेंडरी स्कूल का स्थापना दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीगोब‌र्द्धन पीठ, पुरी के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती शामिल हुए। अपने संबोधन में जगतगुरु शंकराचार्य ने श्रीमद्भागवत गीता का उदाहरण देते हुए छात्रों से वर्तमान में दिशाहीन संसार को बचाने का आह्वान किया। जगतगुरु ने कहा कि देश का विकास ही प्रथम उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के समस्त पाठ्यक्रम में आध्यात्मिक शिक्षा को शामिल करने पर जोर दिया। जगतगुरु ने बच्चों को आशीष देते हुए कहा कि सनातन धर्म में वैदिक महर्षियों के द्वारा उपयोग सिद्धांत का अनुसरण करने से जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है। इस मौके पर जगतगुरु ने अद्यंत हायर सेकेंडरी स्कूल के चेयरमैन सह आकाश इंस्टीट्यूट, भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. एबी सिंह द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में की जा रही पहल की भी सराहना की।

इस मौके पर डॉ. एबी सिंह ने कहा कि जगतगुरु, गुरु-शिष्य परंपरा के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। इस परंपरा का उदय भारत मे हुआ, इसके अनेक उदाहरण हमारी संस्कृति में मौजूद है। उन्होंने कहा कि यदि हमारा देश भारत, अपनी सभ्यता, संस्कृति, वेद और पुराण के बताए हुए रास्ते पर चलता तो आज भी विश्वगुरु होता। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे देश के लोग पाश्चात्य सभ्यता को अपना रहे हैं। अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित राष्ट्र हमारे वेद और वैदिक गणित को अपनाकर शक्तिशाली राष्ट्र बनते जा रहे हैं। डॉ. ¨सह ने कहा कि ये देश हमारी ही वैदिक गणित को अपनाकर ऐसी कार बनायी है जो बिना ड्राइवर के चलती है, जबकि हमारा देश पहले ही उड़नखटोला का निर्माण कर चुका था, जो कि इशारों से चलता था। यदि हमें फिर से विश्व गुरु बनना है तो फिर जगतगुरु शंकराचार्य जी महाराज के बताए हुए रास्ते पर चलकर, उनके वैदिक गणित को अपनाकर ही यह संभव है। डॉ. ¨सह ने देश के स्कूल एवं कॉलेज में वैदिक गणित का एक विषय रखने पर भी बल दिया। समारोह का शुभारंभ भजन के साथ हुआ। जगत गुरु ने इस अवसर पर डॉ. ¨सह की व्यक्तिगत वेबसाइट का भी लोकार्पण किया।

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