ओडिशा में वन्य प्राणियों की सुरक्षा को बनेगा विश्व स्तरीय अस्पताल: मुख्य सचिव

ओडिशा में पिछले सात साल में हाथियों की संख्या बढ़कर 1976 तक पहुंच गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 11:52 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 06:23 AM (IST)
ओडिशा में वन्य प्राणियों की सुरक्षा को बनेगा विश्व स्तरीय अस्पताल: मुख्य सचिव
ओडिशा में वन्य प्राणियों की सुरक्षा को बनेगा विश्व स्तरीय अस्पताल: मुख्य सचिव

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ओडिशा में पिछले सात साल में हाथियों की संख्या बढ़कर 1976 तक पहुंच गई है। ऐसे में हाथी एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय वन्यप्राणी अस्पताल बनाया जाएगा। मुख्य सचिव असीत त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई हाथी संरक्षण संबंधित राज्य स्तरीय कमेटी बैठक में यह निर्णय लिया गया है। हाथी रहने वाले इलाके एवं हाथी कारिडोर में अधिक से अधिक मंजूरी आधारित नियुक्ति करने पर बैठक में महत्व दिया गया है।

बैठक में जंगल एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोना शर्मा ने हाथी सुरक्षा से संबंधित तथ्य पेश करते हुए कहा कि चंदका जंगल में एक विश्व स्तरीय वन्यजंतु अस्पताल के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रतिष्ठा, महानदी एवं संबंलपुर हाथी संरक्षण जंगल, सिमलीपाल-हृदगड़, बरुणेई-नुआगां के साथ 14 हाथी कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा। पीसीसीएफ (वन्यजंतु) हरिशंकर उपाध्याय ने कहा कि बेंगलुरु से भारतीय वैज्ञानिक प्रतिष्ठान के अध्ययन के मुताबिक ओडिशा के विस्तृत जंगलों में करीब 1700 से 1800 तक हाथियों का सही ढंग संचालन हो पाएगा। 1999 में राज्य में हाथियों की संख्या 1827 थी। जो 2010 में बढ़कर 1886, 2012 में 1930 एवं 2017 में बढ़कर 1976 तक पहुंची है। हाथियों की संख्या को और बढ़ाने के लिए 8 हजार 509 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र महानदी, मयूरभंज एवं संबलपुर हाथी कॉरिडोर में हाथियों के खाद्य उपयोगी 23 प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। इन सभी कॉरिडोर में अधिक से अधिक जलाशय बनाने के लिए भी निर्णय लिए जाने की जानकारी उपाध्याय ने दी है।

लॉकडाउन खत्म होने के बाद अधिक से अधिक श्रमिक को इस क्षेत्र में नियोजित करने के लिए सरकार ने योजना तैयार कर लिया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय निश्चित कर्मनियुक्ति योजना (मनरेगा) में अधिक से अधिक श्रम दिवस उत्पन्न करने पर मुख्य सचिव ने महत्व दिया है। ढेंकानाल, रेढ़ाखोल तथा आठमलिक जंगल डिवीजन को जोड़ने वाले एनएच-55 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग में हाथी दुर्घटना रोकने के लिए इस साल भूतल मार्ग बनाया जाएगा।

इसके साथ ही इन सभी डिवीजन में बिजली तार के स्पर्श में आकर हाथियों की मृत्यु न होने पाए इसके लिए डीएफओ को बिजली वितरक कंपनियों से नियमित सम्पर्क रखने को निर्देश दिया गया है। हाथी शिकारियों पर पैनी नजर रखने पर भी बैठक में जोर दिया गया है। हाथी शिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हे सजा दिलाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए भी मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है। बैठक में जंगल विभाग के विशेष सचिव लिगराज ओता, अतिरिक्त सचिव शशि पाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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