Cyclone Jawad: ओडिशा में चक्रवात जवाद के कमजोर होने के बावजूद भारी बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत
Cyclone Jawad चक्रवात जवाद के कमजोर हो जाने के बावजूद ओडिशा के तमाम तटीय जिलों के साथ राजधानी भुवनेश्वर व कटक में झमाझम बारिश होने से आम जनजीवन बूरी तरह से प्रभावित हुआ है। किसानों की धान को फसल को नुकसान की आशंका है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। समुद्र में ही चक्रवात जवाद के कमजोर हो जाने के बावजूद ओडिशा के तमाम तटीय जिलों के साथ राजधानी भुवनेश्वर व कटक में झमाझम बारिश होने से आम जनजीवन बूरी तरह से प्रभावित हुआ है। चक्रवात के प्रभाव से प्रदेश के तटीय जिले पुरी, गंजाम, जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, भद्रक आदि जिलों के साथ खुर्दा व कटक जिले में लगातार बारिश के साथ चल रही समुद्री हवा ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। हालांकि मौसम विभाग ने कहा है कि सोमवार से आसमान साफ हो जाएगा। चक्रवात जवाद वर्तमान समय में गोपालपुर से दक्षिण में 90 किमी, पुरी से 120 किमी पारादीप से 210 किमी की दूरी पर है। चक्रवात जवाद 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पुरी की तरफ बढ़ रहा है, जो शाम के समय स्थल भाग से टकराने के बाद गहरे दबाव में तब्दील गोतक उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा में पश्चिम बंगाल की तरफ गति करेगा। इसके प्रभाव से आज सुबह से ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में हवा चलने के साथ ही बारिश हो रही है।
गंजाम जिले के खलिकोट में सर्वाधिक 158 मिमी बारिश हुई है, जबकि नयागड़ जिले में 107 मिमी, एरसमा में 78 मिमी, पारादीप में 56 मिमी, कटक व भवुनेश्वर में 30 से 40 मिमी बारिश हुई है। इस दौरान समुद्र के ऊपर 45 से 55 किमी. की रफ्तार से हवा चल रही है। चक्रवात जवाद को लेकर भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के तहत केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से पिछले तीन-चार दिन से इससे निपटने को लेकर जोरदार कसरत की जा रही थी। समुद्र इलाके में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी। हालांकि चक्रवात जवाद के समुद्र में ही कमजोर होने की खबर सामने आने के बाद से ही स्थानीय लोगों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है।
किसानों पर मुसीबत का बनकर टूटा चक्रवात जवाद, धान की फसल बर्बाद होने की आशंका
चक्रवात जवाद का बड़ा खतरा भले ही टल गया है, मगर यह चक्रवात किसानों पर मुसीबत का पहाड़ बनकर टूटा है। किसानों के सपनों के साथ ही उनके मन मस्तिक को तोड़ दिया है। समुद्री तूफान जवाद के कमजोर पड़ जाने से सरकार-प्रशासन को जितना आश्वास्थ किया है, उससे कहीं अधिक किसानों की चिंता बढ़ा दिया है। लगातार हो रही बारिश के कारण दक्षिण से उत्तर ओड़िशा और खासकर तटीय ओडिशा में सब जगह समान चित्र देखने को मिल रहा है। खेतों में धान, गोभी आदि फसल तैयार हो गई थी, मगर चक्रवात जवाद के कारण हो रही बारिश में ये फसलें डूब गई हैं। खेतों में पकककर लहलहा रही धान की फसल में घुटनों भर पानी भर गया और धान इस में गिर गया है।
पुरी के साथ भद्रक, केन्दुझर, गंजाम, गजपति, जगतसिंहपुर जिले में हजारों हेक्टर जमीन में खरीफ धान पानी में डूबकर नष्ट होने लगा है। पुरी जिले के अस्तरंग, काकटपुर, गोप, कोणार्क आदि इलाके में हेक्टर-हेक्टर फसल पानी में डूब गई है। वहीं, गंजाम जिले के आसिका में धान की कटाई हो गई थी मगर किसान उसे सुरक्षित स्थान पर नहीं रख पाए थे, ऐसे में धान के ऊपर से पानी हिलोरे मार रहा है। बारिश का दौर जारी है और अगले कुछ घंटों तक प्रदेश के इन जिलों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी है। ऐसे में इन पके हुए धान की फसल को सुरक्षित बाहर निकालना किसानों के लिए बड़ी मुसीबत है। हालांकि मौसम विभाग की तरफ से सोमवार से मौसम साफ रहने का अनुमान लगाया गया है। किसान धान की फसल को काटकर खेतों में छोड़ दिए थे। इन खेतों में अब घुटनों के बराबर पानी जम गया है। धान पानी में डूबे हुए हैं और किसान सिर पर हाथ धरे बैठे हैं। विशेष राहत आयुक्त ने सभी जिलाधीशों को नुकसान का आकलन कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। किसानों को अब सरकार के अनुकंपा के ऊपर भरोसा है, क्योंकि चक्रवात जवाद ने कमजोर होकर भी उनकी कमर तोड़ दी है।