मुख्यमंत्री ने फिर उठाई ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

बीते शुक्रवार को आए चक्रवात फणि के कहर का मंजर अबतक प्रभावित जिलों में साफ देखा जा सकता है।

By Edited By: Publish:Wed, 08 May 2019 04:09 PM (IST) Updated:Thu, 09 May 2019 11:57 AM (IST)
मुख्यमंत्री ने फिर उठाई ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
मुख्यमंत्री ने फिर उठाई ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। बीते शुक्रवार को आए चक्रवात फणि के कहर का मंजर अब तक प्रभावित जिलों में साफ देखा जा सकता है। एक तरफ जहां पुरी समुद्र तट पर सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं दूसरी ओर पुरी, भुवनेश्वर, कटक आदि शहर अभी तक अंधेरे में हैं। पानी की किल्लत लोगों की मुसीबत बनी हुई है, ऐसे में लोगों के मन में बस एक ही सवाल कौंध रहा है कि कब पूर्व की तरह स्वभाविक स्थिति होगी। पूर्व की स्थिति में लौटने में कितने दिन लगेंगे।

चक्रवात फणि के तांडव के बाद अब तक मरने वालों की संख्या 38 तक पहुंच गई है, इसमें से पुरी, खुर्दा जिला में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। जल एवं बिजली जैसी मौलिक सेवा कई जिलों में प्रभावित है। खासकर कटक, भुवनेश्वर में तो बुधवार को भी पानी एवं बिजली की समस्या बनी रही। केंद्र सरकार ने पहले से घोषित 341 करोड़ के अलावा और एक हजार करोड़, कुल 1341 करोड़ रुपये देने की घोषणा करने समेत आगे और भी सहायता राशि देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस बीच फिर एक बार विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठा दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि 2013 में फेलिन, 2014 में हुदहुद एवं 2018 में तितली तूफान के बाद 2019 में फणि जैसे चक्रवात राज्य की अर्थनीति को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में अब ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी सूची में टॉप पर रहने वाली राजधानी, भुवनेश्वर को काफी नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई कब और कैसे होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बावजूद, एक सप्ताह के अंदर जनजीवन स्वभाविक होने के जो दावे किए जा रहे हैं, उसकी सच्चाई धरातल पर साफ देखी जा सकती है। 15 हजार रुपये का जेनरेटर अब साठ हजार रुपये में बिक रहा है।

अगर आप किराए पर जनरेटर लेने जाते हैं तो आधे घंटे का किराया आपको हजार रुपये देना होगा। रेलवे स्टेशन पर मोबाइल चार्ज करने की भीड़ लग रही है। खाना के लिए ठेला के सामने लोगों की लंबी कतारें दिन भर देखी जा सकती हैं। महानदी, कुआखाई में नहाने के लिए लोगों का हुजूम आज भी साफ तौर पर देखा जा रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान पुरी में हुआ है। आधे से अधिक घरों की छतें उड़ गई हैं। कभी पर्यटकों से खचाखच भरे रहने वाले श्रीक्षेत्र धाम पुरी में सन्नाटा पसरा हुआ है। कटक में भी फणि ने जमकर तबाही मचायी है। च्रकवात फणि के कहर को देखते हुए 13 मई तक नंदनकानन अभयारण्य को बंद कर दिया गया है।

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