देश के पांच राज्यों में गहरा सकता है बिजली संकट

अनुगुल जिला के तालचेर कोयलांचल में हुए हादसे के बाद से जारी हड़ताल के कारण कोयले का उत्पादन और परिवहन पूरी तरह से ठप हे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 04 Aug 2019 09:40 PM (IST) Updated:Tue, 06 Aug 2019 06:44 AM (IST)
देश के पांच राज्यों में गहरा सकता है बिजली संकट
देश के पांच राज्यों में गहरा सकता है बिजली संकट

जासं, भुवनेश्वर : अनुगुल जिला के तालचेर कोयलांचल में हुए हादसे के बाद से जारी हड़ताल के कारण कोयला उत्पादन और परिवहन पूरी तरह से ठप है। इससे न सिर्फ बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है बल्कि हजारों परिवारों के सामने आíथक संकट उत्पन्न हो गया है। विगत 24 जुलाई से कोयला उत्पादन व परिवहन ठप रहने से एनटीपीसी कनिहा पर इसका सीधा असर पड़ा है। कनिहा स्थित 500-500 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले तीन प्लांट बंद हो गए हैं। दो में कोयले की भारी कमी है, एक चल रहा है। एनटीपीसी कनिहा की ओर से बताया गया है कि कोयले के भारी संकट के कारण पावर प्लांट में 3000 हजार के मुकाबले महज 900 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा रही है। यही हाल रहा तो ओडिशा के साथ ही बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु में बिजली संकट खड़ा हो जाएगा। बताया गया है कि प्लांट की सभी यूनिट कार्यकारी करने के लिए हर दिन 55 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत है, मगर स्टॉक में केवल 4 हजार मीट्रिक टन कोयला ही मौजूद है। फिलहाल एमसीएल ई वैली और ईस्टर्न कोल फील्डस से 15 हजार मीट्रिक टन कोयला लाकर काम किया जा रहा है।

रोजाना 2.1 लाख टन कोयला उत्पादन की क्षति : तालचेर कोयलांचल में बारिश के मौसम में रोजाना 2.1 लाख टन कोयला उत्पादित होता है। अब 24 जुलाई की शाम से उत्पादन पूरी तरह से ठप है। एमसीएल की माने तो हड़ताल के दिन यानी 24 जुलाई से अब तक 16.84 लाख टन कोयला उत्पादन की क्षति हुई है। इसकी लागत 176.96 करोड़ रुपये है। इसमें राजस्व भी शामिल है। न केवल कोयला और बिजली उत्पादन की हानि हुई है बल्कि 15 हजार एमसीएल कर्मचारियों, 12 हजार ठेका कर्मचारियों व 10 हजार ट्रक चालकों की आमदनी भी ठप है। पांच हजार छोटे मझोले कारोबारी भी सीधे तौर पर प्रभावित हैं। कंपनी के अनुसार, तालचेर के कुल 40 हजार परिवारों के आíथक स्रोत पर असर पड़ा है।

उल्लेखनीय है कि महानदी कोल फील्डस लिमिटेड (एमसीएल) की भरतपुर ओपेन कॉस्ट प्रोजेक्ट में विगत 23 जुलाई की मध्यरात्रि में कोयले का ढेर धंस जाने से चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर लोग तालचेर कोयलांचल में कोयला खनन व परिवहन ठप कर दिया है। विगत 24 जुलाई से जारी इस हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), बीजू जनता दल श्रमिक संगठन और स्थानीय लोग सभी खदानों में सुरक्षा निरीक्षण, घटना की उच्चस्तरीय जांच और मृतकों के परिवार के लिए उचित मुआवजा की मांग कर रहे हैं। हालांकि इस बीच बीएमएस हड़ताल से पीछे हट गया है लेकिन बीजद श्रमिक संगठन और स्थानीय लोग अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

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