सीरिया में रासायनिक हमले की विश्व जगत ने की निंदा

गृहयुद्ध से जूझ रहे सीरिया में विद्रोहियों पर रासायनिक हमले की खबर से विश्व जगत सकते में हैं। दुनिया के कई देशों ने इसकी कड़ी निंदा की है। अरब लीग ने सीरिया में मौजूद यूएन टीम से तुरंत वहां का दौरा कर सच्चाई का पता लगाने की मांग की है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने इसे दुखद खबर बताते हुए कहा कि हमारा देश

By Edited By: Publish:Wed, 21 Aug 2013 10:51 PM (IST) Updated:Wed, 21 Aug 2013 10:51 PM (IST)
सीरिया में रासायनिक हमले की विश्व जगत ने की निंदा

बेरुत। गृहयुद्ध से जूझ रहे सीरिया में विद्रोहियों पर रासायनिक हमले की खबर से विश्व जगत सकते में हैं। दुनिया के कई देशों ने इसकी कड़ी निंदा की है।

अरब लीग ने सीरिया में मौजूद यूएन टीम से तुरंत वहां का दौरा कर सच्चाई का पता लगाने की मांग की है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने इसे दुखद खबर बताते हुए कहा कि हमारा देश इस हमले को सुरक्षा परिषद पर हमला मानता है।

उधर, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा आलोंद ने संयुक्त राष्ट्र से रासायनिक हमले वाले स्थान पर निरीक्षक भेजने की मांग की है। मालूम हो कि इससे पहले भी सीरिया में सेना द्वारा विद्रोहियों पर रासायनिक हमले के आरोप लगे हैं। इसकी जांच के लिए संरा की टीम तीन दिन पहले ही वहां पहुंची है।

इस बीच, सऊदी अरब के विदेशमंत्री पि्रंस सउद अल-फैसल ने कहा है कि यह समय सुरक्षा परिषद के सदस्यों को आपसी मतभेदों को भुलाकर मानवीय संकट खत्म करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलने का है।

वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एलेक्जेंडर लुकासेविच ने सीरियाई सरकार का बचाव करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीम की मौजूदगी में रासायनिक हमले की खबर संदेह पैदा करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह सरकार को बदनाम करने की विद्रोहियों की चाल भी हो सकती है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जोश अरनेस्ट ने संयुक्त राष्ट्र से सीरिया में ताजा रासायनिक हमले के आरोप की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर इस खबर में सच्चाई है तो यह बेहद गंभीर मामला है।

गौरतलब है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ पिछले दो साल से जंग लड़ रहे विद्रोही लड़ाकों ने आरोप लगाया है कि राजधानी दमिश्क के पास उनके कब्जे वाले इलाके घौटा में सेना ने रासायनिक हमला किया है। इसमें 1,300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

विद्रोहियों ने आरोप लगाया कि सेना ने टॉक्सिक गैस का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, पूर्वी घौटा पर अब भी बमबारी जारी है। इसमें सैंकड़ों लोग मारे गए हैं। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

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