अमेरिका ने पाकिस्तान को फिर दिया झटका, रोकी 2,250 करोड़ की मदद

यह लगातार दूसरा साल है,जब अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कांग्रेस को ऐसा प्रमाण देने से इन्कार किया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Fri, 21 Jul 2017 10:01 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jul 2017 07:26 AM (IST)
अमेरिका ने पाकिस्तान को फिर दिया झटका, रोकी 2,250 करोड़ की मदद
अमेरिका ने पाकिस्तान को फिर दिया झटका, रोकी 2,250 करोड़ की मदद

वाशिंगटन, प्रेट्र। पाकिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह घोषित करने के दो दिन बाद अमेरिका ने शुक्रवार को उसे एक और झटका दिया। उसने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर पाकिस्तान को दी जाने वाली 35 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 2,250 करोड़ रुपये) की सैन्य मदद रोक दी। शुक्रवार को एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अमेरिका का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब ट्रंप प्रशासन अफगानिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण पाकिस्तान पर नकेल कसने में जुटा है। अधिकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कांग्रेस को सूचित किया था कि वह यह प्रमाणित नहीं कर सकते कि इस्लामाबाद ने खूंखार हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई की है। इसके बाद पेंटागन ने पाकिस्तान को गठबंधन सहायता निधि के तहत दी जाने वाली आर्थिक मदद रोकने का फैसला किया। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध में अमेरिकी नीति की ट्रंप प्रशासन की समीक्षा से पहले पेंटागन का यह फैसला आया है।

रक्षा विभाग के प्रवक्ता एडम स्टंप ने बताया, 'मंत्री मैटिस ने कांग्रेस की रक्षा समिति को बताया कि वह यह प्रमाणित नहीं कर सकते कि वित्त वर्ष 2016 की गठबंधन सहायता निधि के पूर्ण अदायगी के लिए पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई की है।'

पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क पर हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान में अमेरिका और पश्चिमी देशों की सेना पर कई हमले करने का आरोप है। इस आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान में भारतीय ठिकानों पर भी कई हमलों को अंजाम दिया है। इनमें 2008 में काबुल में भारतीय दूतावास में बम धमाके भी शामिल हैं, जिनमें 58 लोगों की मौत हो गई थी। स्टंप ने कहा, 'राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) के तहत वित्त वर्ष 2016 के लिए पाकिस्तान सरकार को धनराशि जारी नहीं की जा सकती है, क्योंकि रक्षा मंत्री ने यह प्रमाणित नहीं किया है कि हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से पर्याप्त कार्रवाई की गई है।'

यह लगातार दूसरा साल है,जब अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कांग्रेस को ऐसा प्रमाण देने से इन्कार किया है। इसी कारण पेंटागन ने पिछले साल भी पाकिस्तान को 30 करोड़ डॉलर नहीं दिए थे। मैटिस के पूर्ववर्ती एश्टन कार्टर पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री थे, जिन्होंने पाकिस्तान के पक्ष में ऐसा प्रमाण नहीं दिया था। पाकिस्तान को 2016 में 90 करोड़ डॉलर की मदद मिलनी थी। इसमें वह 55 करोड़ डॉलर पहले ही हासिल कर चुका है। पेंटागन ने अब शेष राशि रोक दी है।

वाशिंगटन ने कड़ी की शर्ते

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने पाकिस्तान को रक्षा क्षेत्र में मदद के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद की शर्तो को और सख्त बनाने के लिए पिछले दिनों तीन विधायी संशोधनों पर मतदान किया है। इसमें शर्त रखी गई है कि वित्तीय मदद देने से पहले पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संतोषजनक प्रगति दिखानी होगी।

कांग्रेस के निचले सदन ने 651 अरब डॉलर वाले एनडीएए 2018 के इन तीनों विधायी संशोधनों को ध्वनिमत से पारित किया। इन संशोधनों पर मुहर लगने के कारण ही अब रक्षा मंत्री को पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने से पहले प्रमाणित करना होगा कि इस्लामाबाद आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।

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