अमेरिका जानता है पेशावर और क्वेटा में तालिबान के अड्डे

अमेरिकी सेना के जनरल ने कहा, अफगानिस्तान के बाहर आतंकियों की पनाहगाह होना गंभीर है और यह सभी के लिए चिंता का विषय है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Sun, 27 Aug 2017 05:05 PM (IST) Updated:Sun, 27 Aug 2017 05:34 PM (IST)
अमेरिका जानता है पेशावर और क्वेटा में तालिबान के अड्डे
अमेरिका जानता है पेशावर और क्वेटा में तालिबान के अड्डे

काबुल, आइएएनएस। अमेरिका के पास पुख्ता जानकारी है कि पाकिस्तान में बैठकर किस तरह से तालिबान सरगना अफगानिस्तान में हमले कराते हैं और अशांति फैलाते हैं। ये तालिबान सरगना पाकिस्तान के सीमावर्ती शहरों- पेशावर, क्वेटा आदि में आबादी के बीच सुरक्षित स्थानों पर रहते हैं। पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को इसका पता होता है। यह बात अफगानिस्तान में नाटो फौज के कमांडर जनरल जॉन निकल्सन ने एक इंटरव्यू में कही है।

अमेरिकी सेना के जनरल ने कहा, अफगानिस्तान के बाहर आतंकियों की पनाहगाह होना गंभीर है और यह सभी के लिए चिंता का विषय है। आतंकियों को इस तरह का समर्थन बंद होना चाहिए। जनरल निकल्सन ने कहा कि वह आतंकियों की अफगानिस्तान के भीतर की गतिविधियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। पाकिस्तान में मौजूद आतंकी पनाहगाहों पर अन्य अधिकारी नजर रख रहे हैं। तालिबान के बीच प्रचलित पेशावर शूरा, क्वेटा शूरा जैसे संबोधन साबित करते हैं कि पाकिस्तानी शहरों में बड़ी संख्या में आतंकी पनाह पाए हुए हैं। वहां पर मौजूद उनके सरगना पूरी व्यवस्था चला रहे हैं।

अमेरिकी सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ के रूप में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान पर जिस नई नीति का एलान किया है, वह क्रियान्वित की जाएगी। यह नीति समूचे दक्षिण एशिया में अमेरिकी नीति को दर्शाती है। जनरल निकल्सन ने आशा जताई कि तालिबान जल्द ही शांति प्रक्रिया में शामिल होंगे। इस बीच सेना आतंकियों पर अफगानिस्तान के भीतर और बाहर लगातार दबाव बनाए रखेगी। उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने अपने संबोधन में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या बढ़ाने का एलान किया है। यह पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीति के उलट है जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की योजना बनाई थी।

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