फ्रांस के राष्ट्रपति चुुनाव में मैक्रोन और पेन की सीधी टक्कर

फ्रांस की राजनीति में साठ साल से दखल रखने वाले मुख्य दक्षिण पंथी और वाम दलों का कोई भी उम्मीदवार पहली बार मुख्य मुकाबले में नहीं पहुंच पाया है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Mon, 24 Apr 2017 06:27 PM (IST) Updated:Mon, 24 Apr 2017 06:33 PM (IST)
फ्रांस के राष्ट्रपति चुुनाव में मैक्रोन और पेन की सीधी टक्कर
फ्रांस के राष्ट्रपति चुुनाव में मैक्रोन और पेन की सीधी टक्कर

पेरिस, रायटर/एएफपी : यूरोप समर्थक इमैन्यूएल मैक्रोन और धुर दक्षिणपंथी मारीन ली पेन फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण में पहुंच गए हैं। सात मई को आमने-सामने का मुकाबला होगा। रविवार को हुए पहले चरण के मतदान में मैक्रोन को 23.75 फीसद और पेन को 21.53 फीसद मत मिले।

पहले चरण में कुल 11 उम्मीदवार मैदान में थे। फ्रांस की राजनीति में साठ साल से दखल रखने वाले मुख्य दक्षिण पंथी और वाम दलों का कोई भी उम्मीदवार पहली बार मुख्य मुकाबले में नहीं पहुंच पाया है। पहले चरण के नतीजों ने ऐतिहासिक बदलाव की नींव तैयार कर दी है। यदि 39 साल के मैक्रोन जीते दो वे देश के सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे। 48 साल की पेन जीतीं तो पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। इस चुनाव के नतीजे यूरोपीय संघ का भविष्य भी तय करेंगे।

सर्वेक्षण मैक्रोन के जीतने की संभावना जता रहे हैं। हैरिस और इप्सोसिस/सोपरा के ताजा सर्वेक्षणों में उन्हें पेन से करीब तीस फीसद मतों से आगे बताया गया है। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने मैक्रोन को समर्थन देने की घोषणा की है। कंजरवेटिव और सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार ने भी हार स्वीकार करते हुए मैक्रोन के समर्थन का एलान किया है। दोनों उम्मीदवारों ने कहा है कि पेन को जीतने से रोकना जरूरी है। यदि वे जीतीं तो उनकी यूरोप और प्रवासी विरोधी नीतियां फ्रांस के लिए घातक साबित होंगी।

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पूर्व वित्त मंत्री और बीते साल राजनीतिक दल बनाने वाले मैक्रोन ने जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभियान शुरू किया था तो नौसिखिया बताकर उन्हें खारिज कर दिया गया था। लेकिन, कुछ ही महीनों में वे दौड़ में सबसे आगे निकल गए। नतीजों के बाद समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, एक साल में मैंने फ्रांस की राजनीति का चेहरा बदल दिया है। यदि मैं राष्ट्रपति बना तो नए और प्रतिभावान चेहरों को आगे लाकर जीर्ण-शीर्ण राजनीतिक व्यवस्था को पूरी तरह बदल दूंगा।

दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही पेन को राजनीति और नेशनल फ्रंट का नेतृत्व अपने पिता ज्यां ली पेन से मिला है। उनके पिता 2002 के राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य मुकाबले तक पहुंचे थे। मारीन यूरोपीय संघ से फ्रांस के बाहर निकलने की पैरोकार हैं। उन्होंने आव्रजन नीतियों को सख्त करने का वादा भी किया है। साथ ही कहा है कि यदि वे जीतीं तो विदेशियों को नौकरी देने वाली कंपनियों पर कर लगाएंगी। उनकी नीतियों के कारण फ्रांस के समाज में विभाजन साफ दिख रहा है। उनके समर्थन और विरोध में प्रदर्शनों का लगातार सिलसिला चल रहा है। पहले चरण के नतीजों के बाद पेरिस में हुए प्रदर्शनों में छह लोग जख्मी हो गए।

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