पुतिन से मून बोले, उत्तर कोरिया न माना तो बुरी तरह बिगड़ेंगे हालात

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया के लगातार जारी मिसाइल परीक्षणों और ताजा परमाणु परीक्षण पर गहरी चिंता जताई है।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Wed, 06 Sep 2017 02:49 PM (IST) Updated:Wed, 06 Sep 2017 02:55 PM (IST)
पुतिन से मून बोले, उत्तर कोरिया न माना तो बुरी तरह बिगड़ेंगे हालात
पुतिन से मून बोले, उत्तर कोरिया न माना तो बुरी तरह बिगड़ेंगे हालात

व्लादिवोस्टक, रायटर्स। उत्तर कोरिया ने अपनी भड़कावे वाली गतिविधियां बंद नहीं कीं तो कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति अप्रत्याशित रूप से बिगड़ सकती है। यह बात दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता में कही है। आर्थिक सम्मेलन में शामिल होने के रूस के पूर्वी शहर व्लादिवोस्टक पहुंचे दोनों नेताओं ने अलग से मुलाकात की है। रूस उत्तर कोरिया का पड़ोसी देश है और दशकों तक दोनों के रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं।

मून ने उत्तर कोरिया के लगातार जारी मिसाइल परीक्षणों और ताजा परमाणु परीक्षण पर गहरी चिंता जताई। कहा कि उत्तर कोरिया लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने की तैयारी में है, इससे हालात और बिगड़ेंगे। वह चाहते हैं कि उत्तर कोरिया को रोकने के लिए रूस भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे।

उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के और कड़े प्रतिबंधों की वकालत करते हुए मून ने कहा कि अब उनके पड़ोसी को तेल का निर्यात रोका जाना चाहिए, लेकिन पुतिन ने इस प्रस्ताव पर ठंडी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बातचीत के जरिये समस्या का समाधान निकालने का सुझाव दिया।

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अमेरिका युद्ध नहीं चाहता लेकिन उत्तर कोरिया युद्ध करने पर आमादा है। संयम की भी सीमा होती है। इसलिए समय रहते उत्तर कोरिया को रोका जाना चाहिए। जबकि संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के राजदूत हान तेई सोंग ने कहा है कि उनका देश आत्मरक्षा में हथियारों का विकास कर रहा है, जो उसका हक है।

ट्रंप ने की ब्रिक्स की सराहना

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में हुए ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के निंदा किये जाने की सराहना की है। कहा है कि पांच उन्नतिशील देशों की इस सोच से दुनिया में शांति और स्थिरता के माहौल को बल मिलेगा। उल्लेखनीय है कि भारत भी ब्रिक्स का सदस्य देश है।

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