ग्रीस तत्काल दिवालिया होने से बच जाएगा

ग्रीस तत्काल दिवालिया होने से बच जाएगा। उसके यूरो जोन से हटने की आशंका भी धूमिल हो गई है क्योंकि वह यूरोप के कर्जदाताओं से बहुत ही जरूरी वित्तीय करार करने के करीब पहुंच गया है। लेकिन इसके लिए उसे अपनी जनता पर अधिक कठोर नियम लागू करने होंगे।

By Sudhir JhaEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2015 08:37 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2015 08:49 AM (IST)
ग्रीस तत्काल दिवालिया होने से बच जाएगा

ब्रुसेल्स। ग्रीस तत्काल दिवालिया होने से बच जाएगा। उसके यूरो जोन से हटने की आशंका भी धूमिल हो गई है क्योंकि वह यूरोप के कर्जदाताओं से बहुत ही जरूरी वित्तीय करार करने के करीब पहुंच गया है। लेकिन इसके लिए उसे अपनी जनता पर अधिक कठोर नियम लागू करने होंगे।

यूरो जोन के वरिष्ठ अधिकारी जेरोएन डिसेलब्लोएम ने बताया कि यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों की दो दिन की बातचीत के बाद दोनों पक्ष एक लंबा रास्ता तय कर चुके हैं लेकिन कुछ बड़े मसलों पर अंतिम प्रयास यूरो जोन के नेता ही करेंगे, जिनकी रविवार रात में बैठक होने जा रही है। यूरोपीय नेताओं के बीच मौलिक मतभेदों के बावजूद इटली के प्रधानमंत्री मातेओ रेंजी ने कहा, "हम करार के बहुत करीब आ गए हैं।" ऐसे बनी बात ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने कुछ ही दिनों के भीतर देश के जनता पर कठोर मितव्ययी कार्यक्रम लागू करने का वादा किया है तो यूरो जोन के 18 अन्य नेताओं ने नए बेलआउट पैकेज पर बातचीत शुरू करने की हामी भरी है।

आगे यह होने की संभावना

-ग्रीस बुधवार तक संसद के जरिए पहले सुधारों को लेकर जाएगा।-यूरोपीय दस्तावेजों के मुताबिक ग्रीस को अपनी मूल्यवर्धित कर (वैट) और पेंशन प्रणाली में बदलाव के लिए कठोर कानून बनाना होगा।-दिवालिया होने के नियमों में सुधार करना होगा।-अपने सांख्यिकीय कार्यालय की आजादी को मजबूत करना होगा।-अगर वह समझौता नहीं कर पाता है तो उसे कुछ समय के लिए यूरो जोन से अलग कर दिया जाएगा।ग्रीस पर संदेह बना रहा
यूरोपीय कर्जदाताओं की ग्रीस से पांच माह से नाकाम बातचीत चल रही है इसलिए कठोर उपाय करने के प्रधानमंत्री सिप्रास की प्रतिबद्धता पर संदेह बना हुआ है। ग्रीस को मदद को लेकर यूरोपीय नेताओं में मतभेद साफ नजर आए हैं। जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण मुद्रा तो हम खो चुके हैं और वह है विश्वास। हमें कठोर बातचीत करनी होगी और किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होगा। लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलां यूरोजोन को एकजुट रखने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा, "एक ही बात हो सकती है, ग्रीस यूरो जोन में रहेगा या नहीं रहेगा। नहीं रहने की स्थिति में यूरोप पीछे चला जाएगा। उन्नति नहीं कर पाएगा और मैं यह नहीं चाहता हूं।

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