'चंद्रमा' पर मीथेन का बर्फीला बादल और सूरज पर मिले धब्बे
शोधकर्ताओं ने शनि के चंद्रमा टाइटन पर मीथेन गैस के बर्फीले बादल की खोज की है। ये बादल धरती के ध्रुवों पर पाए जाने वाले मीथेन के असाधारण बादलों की तरह ही हैं।
वाशिंगटन। शोधकर्ताओं ने शनि के चंद्रमा टाइटन पर मीथेन गैस के बर्फीले बादल की खोज की है। ये बादल धरती के ध्रुवों पर पाए जाने वाले मीथेन के असाधारण बादलों की तरह ही हैं।
नासा के कैसिनी अंतरिक्षयान से ली गई तस्वीरों में दिखाई दे रहे ये बादल टाइटन के उत्तरी ध्रुव के ऊपर मौजूद शीतकालीन दबाव का एक हिस्सा हैं। शोधकर्ताओं को विश्वास है कि ये बादल मीथेन गैस से बने हैं, जो पहले खोजे गए इथेन के बादलों से अधिक सघन हैं।
मेरीलैंड में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक केरी एंडरसन ने कहा, टाइटन के ऊपर मीथेन के बादल के बनने का विचार बिल्कुल नया है। टाइटन के वायुमंडल की सबसे निचली परत में भी मीथेन के बादल मौजूद हैं। पृथ्वी पर बारिश की तरह ही टाइटन पर भी मीथेन के बादल वाष्पीकरण की प्रक्रिया से बनते हैं।
कैलिफोर्निया के पासाडेना में जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला में कैसिनी के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक स्कॉट एडिंगटन ने कहा, टाइटन की प्राकृतिक प्रक्रियाएं हमें लगातार हैरत में डालती रही हैं। ये बिल्कुल पृथ्वी जैसी हैं। टाइटन के दक्षिणी ध्रुव के अध्ययन के बाद हम मीथेन के बादल बनने की प्रक्रिया का पता लगाएंगे।
खोजा सूरज पर सबसे बड़ा धब्बा नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑबजरवेटरी ने सूरज पर विशालकाय धब्बे की पहचान की है। यह धब्बा पिछले 24 वर्षो में मिले धब्बों से कई गुना बड़ा है। एआर 12192 नामक इस सक्रिय क्षेत्र से बड़ी बड़ी आग की लपटें निकल रही हैं।