म्यांमार ने दशकों बाद असैन्य राष्ट्रपति का किया चुनाव

म्यांमार की संसद ने आज अपने नए राष्ट्रपति का चुनाव कर लिया है। 50 साल से अधिक के सेैन्य शासन के बाद आंग सान सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के तिन क्याव राष्ट्रपति के रूप में अब देश का नेतृत्व करेंगे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 15 Mar 2016 08:39 AM (IST) Updated:Tue, 15 Mar 2016 05:47 PM (IST)
म्यांमार ने दशकों बाद असैन्य राष्ट्रपति का किया चुनाव

म्यामार (ने पी तॉ) । करीब पांच दशक तक सैन्य शासन के अधीन रहे म्यामांर के इतिहास में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया। सांसदों ने नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के करीबी सहयोगी और विश्वस्त मित्र तिन क्या को देश का पहला असैन्य राष्ट्रपति चुन लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के नए राष्ट्रपति को बधाई दी है। मोदी ने ट्वीट किया, 'म्यांमार के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर तिन क्या को बधाई और शुभकामनाएं। भारत-म्यांमार के संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए मिलकर काम करेंगे।'

सर्वोच्च पद के लिए 69 वर्षीय तिन का चुना जाना सू की बड़ी जीत माना जा रहा है। संवैधानिक प्रावधानों के चलते सू की के राष्ट्रपति बनने पर रोक है। लेकिन तिन की जीत से उनके परदे के पीछे से इस पद की जिम्मेदारी संभालने का रास्ता साफ हो गया है। तिन क्या को म्यामांर के 652 में से 360 सांसदों के मत मिले। मंगलवार को राजधानी ने पी तॉ में मतगणना की लंबी प्रक्रिया के बाद जब परिणाम की घोषणा की गई तो सांसद खुशी से झूम उठे। नव निर्वाचित राष्ट्रपति तिन ने कहा, 'यह बहन आंग सान सू की की जीत है।' वह 1 अप्रैल को पदभार संभालेंगे।

उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने नवंबर में हुए चुनाव में भारी जीत दर्ज की थी। उनकी पार्टी को दोनों सदनों में भारी बहुमत मिला है। हालांकि इसके बावजूद देश में सेना ने अपनी पकड़ बनाए रखी है। 1962 में देश की सत्ता अपने हाथ में लेने वाली सेना ने संविधान में एक ऐसा प्रावधान कर रखा है जिससे वह सर्वोच्च पद काबिज नहीं हो सकती हैं। इसके अनुसार, जिसके करीबी परिजन विदेशी नागरिक हों, वह राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। सू की के बेटों के पास विदेशी नागरिकता है।

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