अंदरूनी मामलों में विदेशी दखल से खफा मालदीव

मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश के अंदरूनी मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की कड़ी आलोचना की है। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की विवादित दोषसिद्धि के मामले में अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच यामीन ने विदेशी हस्तक्षेप को देश की एकता के लिए सबसे बड़ी चुनौती करार दिया है। मालदीव के 50वें

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Mon, 27 Jul 2015 07:39 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jul 2015 08:49 PM (IST)
अंदरूनी मामलों में विदेशी दखल से खफा मालदीव

माले। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश के अंदरूनी मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की कड़ी आलोचना की है। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की विवादित दोषसिद्धि के मामले में अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच यामीन ने विदेशी हस्तक्षेप को देश की एकता के लिए सबसे बड़ी चुनौती करार दिया है।

मालदीव के 50वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'यह बेहद अफसोस की बात है कि हर उस मौके पर जब हम विदेशी ताकतों के दबाव में होते हैं तब कुछ द्रोही उनके पक्ष में खड़े दिखाई देते हैं।' यामीन ने कहा, 'नि:संदेह हमारे समकालीन इतिहास में हमारी एकता के सामने सबसे बड़ी चुनौती विदेशी दखल के कारण दक्षिण के तीन द्वीपों को अपने गणराज्य का हिस्सा बनाने में विफल रहना है। कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मालदीव के ही कुछ लोग तब भी और अब भी ऐसे प्रयासों का हिस्सा हैं।' उन्होंने देश के लोगों से मध्यस्थता और सहायता के नाम पर विदेशी दखल से सचेत रहने की बात कही। कार्यक्रम में श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन समेत अन्य कई देशों के प्रतिनिधि शामिल थे।

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