इबोला की चपेट में आए यूएन कर्मियों की निगरानी

लाइबेरिया के संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन ने बताया कि उसकी चिकित्सीय टीम के एक अंतरराष्ट्रीय सदस्य के इबोला की चपेट में आने के बाद वह अपने 20 सैनिकों समेत स्टाफ के 41 सदस्यों को गहन चिकित्सीय निगरानी में रख रहा है।

By Sachin kEdited By: Publish:Sun, 12 Oct 2014 06:08 AM (IST) Updated:Sun, 12 Oct 2014 06:07 AM (IST)
इबोला की चपेट में आए यूएन कर्मियों की निगरानी

मोनरोविया (लाइबेरिया)। लाइबेरिया के संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन ने बताया कि उसकी चिकित्सीय टीम के एक अंतरराष्ट्रीय सदस्य के इबोला की चपेट में आने के बाद वह अपने 20 सैनिकों समेत स्टाफ के 41 सदस्यों को गहन चिकित्सीय निगरानी में रख रहा है।

मिशन ने बयान में कहा कि यह सिर्फ एहतियाती कदम है और किसी भी सदस्य में अब तक इबोला के लक्षण नहीं देखे गए। स्टाफ के सदस्यों का कांटैक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से पता लगाया गया और इन्हें 21 दिनों तक गहन चिकित्सीय निगरानी में रखा जाएगा, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इबोला वायरस के इंसान के शरीर में सक्रिय होने की अधिकतम समय सीमा है।

उधर, इबोला को फैलने से रोकने के लिए न्यूयॉर्क के केनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जांच की सुविधा शुरू की गई। इबोलाग्रस्त अफ्रीकी देशों से अमेरिका में दाखिल होने वाले यात्रियों में वायरस का पता लगाने के लिए जांच की यह सुविधा शनिवार से प्रारंभ हुई, जो धीरे-धीरे नेवार्क लिबर्टी, वाशिंगटन ड्यूल्स, शिकागो ओ-हेयर व अटलांटा हा‌र्ट्सफील्ड-जैक्सन में शुरू की जाएगी। कस्टम अधिकारियों ने बताया कि करीब 150 लोग हर रोज लाइबेरिया, सिएरा लिओन व गिनी से अमेरिका आते हैं। इनमें से करीब 95 फीसद इन पांच हवाई अड्डों पर ही उतरते हैं। हालांकि इन तीनों देशों से अमेरिका के लिए कोई सीधी हवाई जहाज सेवा नहीं है।

इबोला पर शोध के लिए हर मदद को तैयार भारत:

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने इबोला के इलाज के लिए वैक्सीन खोजने को जारी शोध कार्यो के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की पूरी मदद का भरोसा दिलाया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि भारत सरकार ने देश में इबोला को फैलने से रोकने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए हैं और वैक्सीन की खोज के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हर सहायता मुहैया कराएगा।

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