खाड़ी संकट सुलझाने को आगे आया कुवैत, मध्यस्थता की कोशिश जारी

कुवैत ने ही 2014 में भी खाड़ी देशों के बीच विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी।

By Manish NegiEdited By: Publish:Tue, 06 Jun 2017 08:19 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jun 2017 08:21 PM (IST)
खाड़ी संकट सुलझाने को आगे आया कुवैत, मध्यस्थता की कोशिश जारी
खाड़ी संकट सुलझाने को आगे आया कुवैत, मध्यस्थता की कोशिश जारी

दुबई, रायटर। ईरान के साथ तालमेल व आतंकी संगठनों से रिश्ते रखने पर कूटनीतिक तौर पर अरब देशों से अलग-थलग पड़े कतर को कुवैत का सहारा मिला है। कतर के विदेश मंत्री मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि इस मामले में कुवैत मध्यस्थता का प्रयास कर रहा है। कतर के शेख तमीम बिन हम्माद ने खुद कुवैत के अमीर साबाह अल अहमद अल साबाह से बात की। इसके बाद उन्होंने कतर के लोगों के नाम अपने संबोधन को स्थगित कर दिया। कतर चाहता है कि कुवैत के शासक मामले में आगे बढ़ें व सभी पक्षों से बात कर संकट का समाधान निकालें।

कुवैत ने ही 2014 में भी खाड़ी देशों के बीच विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी। कतर के शासक कुवैत के अमीर को अभिभावक के रूप में देखते हैं। मुहम्मद बिन अब्दुल ने कहा कि उनके देश के खिलाफ उठाए गए कदम कतर के नागरिकों व खाड़ी अरब देशों में पारिवारिक रिश्ते पर अभूतपूर्व असर डालेंगे। कतर चाहता है कि इस विवाद का संवाद के जरिए हल निकाला जाए। कतर अपनी ओर से कोई ऐसी कार्रवाई नहीं करेगा जिससे विवाद बढ़े। अमेरिका से हमारा रणनीतिक संबंध है। कई ऐसी चीजें हैं जिनपर हम सहमत नहीं हैं लेकिन सहयोग के ऐसे क्षेत्र हैं जिनसे विवादित मुद्दे कोई मायने नहीं रखते।

वहीं कुवैत के शासक अगले 24 घंटे में सऊदी अरब पहुंचेंगे और वहां के किंग सलमान से बात करेंगे। सऊदी अरब ने आज कतर एयरवेज के लाइसेंस को रद कर दिया और अगले 48 घंटे के भीतर एयरवेज के सारे कार्यालयों को बंद करने का आदेश जारी किया। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने कतर एयरवेज पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध किया है। इससे बड़ी संख्या में वे भारतीय भी प्रभावित होंगे जो दोहा होते हुए अमेरिका व यूरोपियन देशों की ओर जाते हैं। हालांकि सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने यह कहते हुए अपने देश के रुख में थोड़ी नरमी दिखाई कि उनका देश दोबारा विश्र्वास बहाली को कतर से भविष्य का निश्चित खाका चाहता है। खाड़ी देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने भी कतर, रूस, कुवैत व सऊदी अरब से बात की। ज्ञात हो कि सऊदी अरब, बहरीन, यमन, मिस्त्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने देश कतर से कूटनीतिक रिश्ते तोड़ लिए हैं। इसके अलावा लीबिया और मालदीव ने भी अपना रिश्ता तोड़ लिया है। इन देशों ने कतर से अपने राजनयिकों को बुलाना शुरू कर दिया है। कतर में 2022 के फुटबॉल विश्र्वकप होना है।

ट्रंप के सऊदी दौरे के बाद शुरू हुआ था विवाद

सऊदी अरब व कतर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सऊदी अरब के बाद से तनातनी शुरू हो गई थी। सऊदी ने कतर पर मुस्लिम ब्रदरहुड का समर्थन करने का आरोप लगाया था। वहीं कतर के अमीर ने कहा था कि फिलीस्तीनी संगठन हमास, हिज्बुल्ला लेबनान और मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे संगठन घरेलू हितों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि कतर भी लंबे समय से अमेरिका का सहयोगी रहा है। कतर में अमेरिका का सेंट्रल कमांड है जहां 10 हजार के करीब अमेरिकी सैनिक रहते हैं।

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