जॉन केरी ने नवाज शरीफ से कहा, पठानकोट हमले का सच पता करो

क्या भारत और पाकिस्तान के बीच 15 जनवरी को प्रस्तावित विदेश सचिवों को वार्ता हो पाएगी। क्या अमेरिका संकेत दे रहा है कि आतंकियों के खिलाफ भारत की तरफ से गुप्त कार्रवाई होनी चाहिए।

By Lalit RaiEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2016 07:37 AM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2016 04:01 PM (IST)
जॉन केरी ने नवाज शरीफ से कहा, पठानकोट हमले का सच पता करो

वाशिंगटन। इस्लामाबाद में भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बैठक में महज कुछ दिन ही रह गए हैं। पठानकोट हमले के सिलसिल में भारत के दिए गए सबूतों को पाकिस्तान ने अपर्याप्त बताया है। ऐसे में सवाल उठता है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में जो गर्माहट पैदा हुई थी क्या उस पर एक बार फिर बर्फ जम जाएगी। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ से पठानकोट हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। पाकिस्तान से पठानकोट एयरबेस पर हमले की सच्चाई लाने को भी कहा।

टेलीफोन पर केरी और नवाज शरीफ के बीच लंबी बातचीत हुई जिसमें केरी ने साफ किया कि अब पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर ठोस कार्रवाई करे, बयानों और निंदा का दौर खत्म हो चुका है। केरी ने उम्मीद जताई की आतंकी हमलों के बाद भी दोनों देशों में बातचीत जारी रहेगी। वहीं भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान उसके द्वारा मुहैया कराए गए सबूतों पर कारगर कार्रवाई करे। अगर इस महीने की 15 जनवरी को दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता होती है तो बातचीत सिर्फ आतंकवाद पर केंद्रित होगी।

आंतक के खिलाफ गुप्त अभियान, अमेरिका ने दिए संकेत

क्य़ा अमेरिकी नीति में आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान के लिए कोई बड़ा परिवर्तन हो रहा है। क्या अमेरिका इस बात के संकेत दे रहा है कि जिस तरह वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के गुनहगार को ओसामा बिन लादेन को मार गिराया गया था,ठीक वैसे ही पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं के खिलाफ कार्रवाई हो।

अमेरिकी की दो टूक पठानकोट के दोषियों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी के बयानों से ये झलक मिल रही है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ शब्दों तक सीमित न रखे बल्कि अंजाम तक पहुंचाए। उन्होंने कहा कि आतंक के आकाओं को उनके गुनाहों की सजा जरूर मिलनी चाहिए। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए किर्बी ने कहा कि हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन को खत्म करने में समय लगा, लेकिन देर से ही सही. आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को इंसाफ मिला।

जब किर्बी से ये पूछा गया कि जिस तरह से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की घटना के बाद अमेरिकी ने कार्रवाई की,ह क्या भारत को भी पठानकोट हमले के बाद वैसी कार्रवाई करनी चाहिए तो उनका जवाब था कि इस मामले में पाकिस्तान को न्यायसंगत और पारदर्शी कार्रवाई करनी चाहिए।

पाकिस्तानी जमीन से भारत में हो रहे आतंकी हमलों पर पाक में गुप्त अभियान चलाने में भारत की मजबूरियां हैं। अमेरिका ने जिस सैन्य क्षमता और ताकत से बदला लिया उसकी तुलना भारत से नहीं की जा सकती है।

युद्घ के जरिए आतंकी हमलों को समाधान निकालना एक शासन कला है। पठानकोट हमले से भारत को एक वजह मिली है कि वो अपने आपको दुरुस्त रखे।पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में जैश-ए-मोहम्मद और दूसरे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का हत भारत को है। लेकिन इस मामले में पाकिस्तान की तरफ से उकसावे और संघर्ष का खतरा है। इन्हीं आशंकाओं की वजह से भारत कोई कार्रवाई करने से बचता रहा है। भारत का इतिहास भी आक्रामक राज्य का नहीं रहा है। लेकिन आतंकी हमलों के संबंध में भारत को जवाबी कार्रवाई का हक है।

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने कहा कि पठानकोट हमला दुर्भाग्यपूर्ण है। दोनों देशों के बीच विवादित मुद्दों के निपटारे के लिए बातचीत बिना बाधा के चलनी चाहिए। कसूरी ने कहा कि अगर भारत एक कदम चलेगा तो पाकिस्तान उससे भी आगे चलेगा।

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