अमेरिकी अभियान के बावजूद तेल से आइएस को मिल रही धार

अमेरिका के तमाम प्रयासों के बावजूद तेल से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) भरपूर कमाई कर रहा है। इराकी और अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इराक और सीरिया में अपने कब्जे वाले तेल क्षेत्रों से कच्चा तेल बेचकर संगठन हर महीने पांच करोड़ डॉलर (करीब 324 करोड़ रुपये) कमा लेता है।

By Test1 Test1Edited By: Publish:Fri, 23 Oct 2015 08:08 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2015 08:46 PM (IST)
अमेरिकी अभियान के बावजूद तेल से आइएस को मिल रही धार

बगदाद। अमेरिका के तमाम प्रयासों के बावजूद तेल से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) भरपूर कमाई कर रहा है। इराकी और अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इराक और सीरिया में अपने कब्जे वाले तेल क्षेत्रों से कच्चा तेल बेचकर संगठन हर महीने पांच करोड़ डॉलर (करीब 324 करोड़ रुपये) कमा लेता है। तेल की कालाबाजारी शुरुआत से ही आतंकी संगठन की आमदनी का मुख्य स्रोत रहा है। इस पैसे को वह उदारता से अपने लड़ाकों के बीच बांटता है।

यही कारण है कि अमेरिकी हवाई हमलों के बावजूद इराक और सीरिया में वह अपना स्वघोषित खिलाफत बरकरार रखने में अब तक सफल रहा है। इस धंधे को चलाने के लिए आइएस विदेशों से उपकरण और तकनीकी विशेषज्ञ लाता है। इराकी खुफिया अधिकारियों के अनुसार आतंकी संगठन रियायती दरों पर तस्करों को तेल उपलब्ध कराता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 50 डॉलर प्रति बैरल बिक रहा है, जबकि आइएस 35 डॉलर प्रति बैरल की दर से बेच रहा है। कई मौकों पर उसने 10 डॉलर प्रति बैरल की दर से भी तेल तस्करों को दिया है।

माना जाता है कि आइएस सीरिया से प्रतिदिन करीब 30,000 बैरल तेल निकाल रहा है। तुर्की में यह तेल बिचौलियों को दिया जाता है। वहीं, इराक में 10-20 हजार बैरल तेल का प्रतिदिन तेल उत्पादन किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि तेल निकासी, परिष्करण, परिवहन और ऊर्जा उत्पादन से जुड़े उपकरणों के आयात को रोकने के लिए वाशिंगटन तुर्की सहित सीरिया के पड़ोसी देशों से बात कर रहा है।

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