भारत-चीन को खत्म करने होंगे मतभेद: हामिद अंसारी

बीजिग [मनीष तिवारी]। एक नए गुटनिरपेक्ष सम्मेलन जैसे माहौल में भारत, चीन और म्यामांर ने ऐतिहासिक पंचशील समझौते की साठवीं वर्षगांठ पर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के इस शानदार विचार को नए रूप में अपनाने व पूरी दुनिया को इसी के अनुरूप ढालने का संकल्प लिया। चीन ने भारत, म्यांमार और अन्य देशों के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सह

By Edited By: Publish:Sat, 28 Jun 2014 08:15 PM (IST) Updated:Sat, 28 Jun 2014 09:37 PM (IST)
भारत-चीन को खत्म करने होंगे मतभेद: हामिद अंसारी

बीजिग [मनीष तिवारी]। एक नए गुटनिरपेक्ष सम्मेलन जैसे माहौल में भारत, चीन और म्यामांर ने ऐतिहासिक पंचशील समझौते की साठवीं वर्षगांठ पर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के इस शानदार विचार को नए रूप में अपनाने व पूरी दुनिया को इसी के अनुरूप ढालने का संकल्प लिया। चीन ने भारत, म्यांमार और अन्य देशों के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग के नए ढांचे पर जोर दिया। भारत के उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि पंचशील के सिद्धांतों को अपनाते हुए म्यांमार सहित भारत-चीन को आपसी मतभेद खत्म करने होंगे।

अंसारी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के मद्देनजर आपसी मतभेदों को खत्म करना ही भारत-चीन के हित में है। आपसी सहयोग के जरिये हम दोनों देशों के लोगों का जीवन बेहतर बना सकते हैं। पांच दिवसीय चीन दौरे पर पहुंचे अंसारी ने कहा, कहा, 'हो सकता है हम विकास के अलग-अलग चरणों में हों, लेकिन एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकते हैं।'

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग औऱ म्यामांर के राष्ट्रपति थीन सिन समेत एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और अरब के कई दर्जन राजनयिकों की मौजूदगी में अंसारी ने कहा कि पंचशील ने हमें दूसरे विश्व युद्ध के बाद साम्राज्यवादी चंगुल से मुक्ति के साथ ही एक देश के रूप में उभरने का अवसर दिया था। आज फिर इस विचार को अपनाने की जरूरत है ताकि समानता, न्याय, विकास पर आधारित और सभी के संतोष वाला वैश्विक ढांचा तैयार किया जा सके। हम सभी यहां शांति, स्थिर, संपन्न औऱ सुरक्षित दुनिया के लिए पंचशील के असीमित महत्व को रेखांकित करने के लिए इकट्इे हुए हैं। पंचशील सभी देशों के अधिकारों की हिफाजत करने के साथ ही परस्पर सम्मान व समानता को बढ़ावा देता है।

सम्मेलन में बड़े पैमाने पर राजनयिकों की मौजूदगी ने संकेत दिया कि भारत और चीन एक बार फिर वैश्विक समीकरणों में सकारात्मक दखल देना चाहते हैं। चिनफिंग ने दो बार हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा लगाते हुए पंचशील के सिद्धांतों को नए माहौल में अलग तरीके से पेश किया। द ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल्स में चिनफिंग ने संप्रभुता, सुरक्षा, साझा विकास, समावेश की भावना और न्याय को सभी देशों के लिए जरूरी बताया।

चिनफिंग ने कहा कि बाजुएं फड़काने से किसी का भला नहीं होगा। हमें मिलकर काम करना होगा। जीरो सम गेम और विनर टेक ऑल वाले सिद्धांत आज की दुनिया में नहीं चल सकते। आज हर किसी का महत्व है, भले ही वह कितना ही छोटा देश क्यों न हो। उन्होंने मैत्रीपूर्ण रिश्तों पर जोर देने के लिए टैगोर की एक कविता का भी जिक्र किया।

चीन ने किया नए पुरस्कार का एलानचीन के राष्ट्रपति ने पंचशील के साठ वर्ष पूरे होने पर फ्रेंडशिप अवार्ड और स्कॉलरशिप की घोषणा की, जो तीनों देशों के लिए होगा। सम्मेलन की शुरुआत म्यांमार के राष्ट्रपति ने पंचशील समझौते के जन्म की परिस्थितयों को याद करते हुए की। उन्होंने कहा कि तब भी हमने नए युग की शुरुआत की थी और आज फिर ऐसा ही कर रहे हैं। उन्होंने ऐसी दुनिया की कल्पना की, जिसमें सही मायने में समानता हो और कोई किसी का हक न हड़पे।

अंसारी-कछ्यांग ने की आपसी हितों पर चर्चाउपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के एक दिन पहले ही चीन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और चीन के हितों को आगे ले जाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। अंसारी चीन की महान दीवार को भी देखने गए।

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