भारतीयों पर आस्ट्रेलिया के नए वीजा नियमों की मार

ऑस्‍ट्रेलिया में अब प्रवासी कामगार नौकरी छूटने के बाद 90 की जगह अब केवल 60 दिन ही रुक सकेंगे।

By Monika minalEdited By: Publish:Thu, 17 Nov 2016 03:02 PM (IST) Updated:Thu, 17 Nov 2016 04:42 PM (IST)
भारतीयों पर आस्ट्रेलिया के नए वीजा नियमों की मार

मेलबर्न, प्रेट्र। अमेरिका और यूरोप के बाद संरक्षणवाद की लहर आस्ट्रेलिया भी पहुंच चुकी है। अब आस्ट्रेलियाई सरकार ने प्रवासी कामगारों के लिए चलाई जा रही 457 वीजा योजना में बड़े बदलाव की घोषणा की है। नौकरी जाने के बाद अब प्रवासी कामगार 90 के बजाय 60 दिन तक ही देश में रुक पाएंगे। 457 वीजा योजना के तहत चार वर्षो के लिए वीजा दिया जाता है।

शुरुआत में नौकरी जाने के बाद 28 दिनों तक रुक कर नौकरी तलाशने की सुविधा थी। पूर्ववर्ती लेबर पार्टी की सरकार ने जून, 2013 में इस अवधि को बढ़ाकर 90 दिन कर दिया था। आस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा भारत से कामगार (26.8 फीसद) जाते हैं। इसके बाद ब्रिटेन (15 प्रतिशत) और चीन (6 फीसद) का नंबर आता है। आस्ट्रेलिया के प्रवासी मामलों के मंत्री पीटर ड्यूटन ने बुधवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, '19 नवंबर से 457 कार्यक्रम के तहत वीजा धारक नौकरी जाने के बाद 90 के बजाय 60 दिनों तक ही आस्ट्रेलिया में रुक सकेंगे।

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उम्मीद है कि बदलाव से 457 कार्यक्रम को शुरू करने का प्रयोजन पूरा हो सकेगा। इसका उद्देश्य प्रवासी पेशेवरों के आस्ट्रेलियाई कामगारों के लिए मददगार होना है, उनका जगह लेने नहीं। वीजा कार्यक्रम में बदलाव का ध्येय काम की तलाश में जुटे आस्ट्रेलियाई कामगारों की विदेशी पेशेवरों से प्रतिद्वंद्विता कम करना है।' ड्यूटन ने आस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था में कुशल प्रवासी कामगारों के योगदान की सराहना भी की। साथ ही कहा कि यदि आस्ट्रेलियाई कामगार काम को करने में सक्षम हैं तो सरकार घरेलू लोगों को ही प्राथमिकता देगी।

उन्होंने बताया कि लेबर सरकार की नीतियों के चलते आस्ट्रेलिया में प्रवासी कामगारों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है। ड्यूटन के मुताबिक, जून 2010 के अंत में देश में 457 वीजा धारकों की संख्या 68 हजार थी। लेबर पार्टी की सत्ता जाने के समय तक यह आंकड़ा 1.10 लाख से पार कर गया।

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