मानव व्यवहार के सही तथ्य नहीं देते फेसबुक-ट्विटर
आजकल हर जगह फेसबुक व ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किग साइटों से मिले आंकड़ों पर भरोसा करने वालों के लिए नया शोध एक चेतावनी है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि इन साइटों पर मानव व्यवहार के बारे में ऑनलाइन व ऑफलाइन जारी तथ्य विश्वसनीय नहीं होते हैं।
टोरंटो। आजकल हर जगह फेसबुक व ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किग साइटों से मिले आंकड़ों पर भरोसा करने वालों के लिए नया शोध एक चेतावनी है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि इन साइटों पर मानव व्यवहार के बारे में ऑनलाइन व ऑफलाइन जारी तथ्य विश्वसनीय नहीं होते हैं।
शोध पत्र में इन साइटों पर जारी किए गए हजारों तथ्यों का हवाला देते हुए कहा गया कि ज्यादातर शोधपत्रों में अब सोशल मीडिया से मिली जानकारी का हवाला दिया जाता है। लेकिन ये असलियत से बहुत दूर होते हैं। सार्वजनिक रूप से जारी की गई जानकारी संपूर्ण तथ्यों का सही प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
कनाडा के मॉट्रियल यूनिवर्सिटी व अमेरिका की मेकग्रिल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डेरेक रुथ और कारनेग मेलन के मुताबिक, फेसबुक व ट्विटर पर जारी किए गए आंकड़े मानव व्यवहार की पक्षपातपूर्ण तस्वीर पेश करते हैं।
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