पाक में ईशनिंदा के लिए ईसाई दंपति को मौत की सजा

पाकिस्तान में ईशनिंदा वाले एसएमएस भेजने के जुर्म में एक ईसाई दंपति को मौत की सजा सुनाई गई है। पश्चिमोत्तर पाक की एक अदालत ने शफाकत मसीह व उसकी पत्नी शगुफ्ता मसीह पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अमेर हबीब ने दंपति को यह सजा शुक्रवार को सुनाई थी। दोनों पंजाब प्रां

By Edited By: Publish:Sat, 05 Apr 2014 06:13 PM (IST) Updated:Sun, 06 Apr 2014 08:05 AM (IST)
पाक में ईशनिंदा के लिए ईसाई दंपति को मौत की सजा

लाहौर। पाकिस्तान में ईशनिंदा वाले एसएमएस भेजने के जुर्म में एक ईसाई दंपति को मौत की सजा सुनाई गई है।

पश्चिमोत्तर पाक की एक अदालत ने शफाकत मसीह व उसकी पत्नी शगुफ्ता मसीह पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अमेर हबीब ने दंपति को यह सजा शुक्रवार को सुनाई थी। दोनों पंजाब प्रांत के टोबा टेक सिंह जिले के गोजरा के रहने वाले हैं। मौलवी मलिक मुहम्मद हुसैन व गोजरा तहसील बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनवर मंसूर गोराया ने 44 वर्षीय शफाकत और उसकी पत्नी के खिलाफ ईशनिंदा वाले एमएमएस भेजने को लेकर एफआइआर दर्ज कराई थी। दोनों को पिछले साल 25 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

दंपति के वकील नदीम हसन ने कहा, 'शफाकत ने अधिक यातना दिए जाने के डर से पुलिस के समक्ष मुसलमानों को आपत्तिजनक संदेश भेजने की बात स्वीकारी थी, लेकिन अदालत में उसने व उसकी पत्‍‌नी ने इन आरोपों से इन्कार किया।' उन्होंने कहा कि दंपति पर यह आरोप व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते लगाए गए। दंपति इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।

गोजरा में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा का इतिहास रहा है। पिछले साल यहां की एक युवती पर स्थानीय मौलवी ने ईशनिंदा के संदेश भेजने का आरोप लगाया था। जिसके बाद उसे देश छोड़कर ब्रिटेन जाना पड़ा था। वर्ष 2009 में गोजरा में ईशनिंदा को लेकर भीड़ ने ईसाई समुदाय के लोगों के घरों में आग लगा दी थी, जिसमें सात ईसाइयों की मौत हो गई थी।

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