आंग सू की ने रोहिंग्या मसले की तुलना कश्मीर से की

म्यामांर की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने कहा है कि हम भी भारत जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Fri, 08 Sep 2017 08:45 AM (IST) Updated:Fri, 08 Sep 2017 01:12 PM (IST)
आंग सू की ने रोहिंग्या मसले की तुलना कश्मीर से की
आंग सू की ने रोहिंग्या मसले की तुलना कश्मीर से की

यंगून (आइएएनएस)। नोबेल पुरस्कार विजेता और म्यामांर की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने रोहिंग्या मसले की तुलना कश्मीर समस्या से की है। उनका कहना है कि आतंकवादियों और निर्दोष लोगों में अंतर करने की जरूरत है। निर्दोष लोगों को दहशतगर्दो से बचाने की आवश्यकता है। भारत इस काम में विशेषज्ञ है। हम भी कश्मीर जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं। गुरुवार को भारतीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने उपरोक्त टिप्पणी की।

बकौल सू की, 'भारत में आप लोग इस काम को करने में माहिर हैं। वहां मुस्लिम की काफी आबादी है। कश्मीर जैसी जगह पर तो आपको भी आतंकवादियों और निर्दोष व दहशतगर्दी में बिल्कुल लिप्त नहीं लोगों के बीच फर्क करने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। हमारी भी समस्या ठीक उसी तरह की है।'

उन्होंने बताया, 'हमें अपने नागरिकों का ध्यान रखना पड़ रहा है। जो भी इस देश में रह रहा है, उन सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी पड़ रही है। यह हमारा कर्तव्य है और हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। ध्यान रहे कि म्यांमार की नागरिकता से वंचित रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार रोकने को लेकर सू की पर भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव है।

नोबेल पुरस्कार वापस लेने के लिए याचिका दायर

ओस्लो, एएफपी। रोहिंग्या मुसलमानों पर जारी अत्याचार को मुद्दा बनाते हुए हजारों लोगों ने आंग सान सू की को मिले नोबेल शांति पुरस्कार वापस लेने के लिए ऑनलाइन अभियान छेड़ दिया है। नोबेल कमेटी के समक्ष याचिका दायर कर सू की से नोबेल पुरस्कार वापस लेने की मांग की है। हालांकि कमेटी ने लोगों की इस मांग को ठुकरा दिया है। कहा है कि नोबेल पुरस्कार उनके काम को ध्यान में रखकर दिया गया था। उसे वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। द चेंज आर्ग की ऑनलाइन याचिका पर गुरुवार तक 3,65,000 लोगों ने हस्ताक्षर किए। याचिका में कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या रोकने के लिए सू की कुछ भी नहीं कर रही हैं। उनसे नोबेल शांति पुरस्कार छीना जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे को आंग सान सू ने बताया दशकों पुरानी समस्या

यह भी पढ़ें: म्यांमार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जानें- ये दौरा क्यों है अहम

chat bot
आपका साथी