फुटबॉल का मैदान बना रणभूमि, खिलाड़ियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

अंतिम क्षण में रेफरी के फैसले पर असहमति जाहिर करते हुए नरोका ने जिस तरह का उत्पात मचाया, वह इस खेल को शर्मसार कर गया।

By ShivamEdited By: Publish:Sun, 26 Feb 2017 11:26 PM (IST) Updated:Mon, 27 Feb 2017 12:14 PM (IST)
फुटबॉल का मैदान बना रणभूमि, खिलाड़ियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
फुटबॉल का मैदान बना रणभूमि, खिलाड़ियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में चल रहे अंडर-18 आइ लीग में रविवार को फुटबॉल का मैदान रणभूमि में तब्दील हो गया।

अंतिम क्षण में रेफरी के फैसले पर असहमति जाहिर करते हुए नॉर्थ ईस्टर्न री ऑर्गेनाइजिंग कल्चरल एसोसिएशन (नरोका) ने जिस तरह का उत्पात मचाया, वह इस खेल को शर्मसार कर गया। खिलाड़ी तो खिलाड़ी, कोच व मैनेजर भी मैदान पर उतरकर टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) विरोधी खिलाड़ियों को पीटने लगे। हालांकि मैच कमिश्नर ने इसकी शिकायत आइ लीग प्रबंधन को दी है।

खेल के 90वें मिनट में नरोका के डी के अंदर शैलेश सिंह से हैंडबॉल हो गया। रेफरी ने तनिक भी देरी किए टीएफए को पेनाल्टी दे दी। टीएफए के कप्तान विजय सिंह ने गेंद शुभम घोष की ओर बढ़ायी। शुभम ने लक्ष्य पर निशाना साधते हुए शॉट जमाया। गेंद गोलकीपर किशन सिंह के हाथों से छिटककर गोलपोस्ट में टकराते हुए जैसे ही मैदान में गिरने वाली थी, तभी शुभम ने अपनी चपलता का परिचय देते हुए हेडर लगाया और गेंद गोल जाल में समा गयी। अंक हाथ से निकलता देख नरोका का टीम प्रबंधन आपा खो बैठा। नरोका ने एक साथ टीएफए के खिलाड़ियों पर हमला बोल दिया। कोच व प्रबंधन ने भी उनका साथ दिया। टीएफए के गोलकीपर रफीक के माथे से खून बहने लगा, वहीं गोल करने वाले शुभम व राकेश भी घायल हो गए। नरोका के खिलाड़ी यहीं नहीं रुके। ड्रेसिंग रूम में जाकर भी खूब उत्पात मचाया।

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