पाकिस्तान में मोची का काम करने वाले इस शख्स ने लिख डाली 5 किताबें

मुनव्वर शकील के इस बुलंद हौंसले को आज पूरी दुनिया सलाम कर रही है। इनकी लिखी 5 किताबों के लिए इन्हें पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 08 Dec 2016 04:16 PM (IST) Updated:Fri, 09 Dec 2016 10:30 AM (IST)
पाकिस्तान में मोची का काम करने वाले इस शख्स ने लिख डाली 5 किताबें

पाकिस्तान के फैसलाबाद में एक छोटे से कस्बे रोडाला में रहते हैं शकील। अपने जीवनयापन के लिये शकील सुबह अखबार बांटते हैं और सारा दिन सड़क के किनारे मोची का काम करते हैं। लेकिन जज्बा ऐसा कि 5 किताबें लिख सबके लिये एक मिसाल बन गये।

मुनव्वर शकील के इस बुलंद हौंसले को आज पूरी दुनिया सलाम कर रही है। इनकी लिखी 5 किताबों के लिए इन्हें पुरस्कार भी मिल चुके हैं। लेकिन आपको हैरानी इस बात से ज्यादा होगी कि5 किताबें लिखने वाले इस मोची ने कभी स्कूली शिक्षा नहीं ली है। बचपन में ही पिता का साया उनके ऊपर से उठ जाने के कारण मुनव्वर ने क भी स्कूल का मुंह तक नहीं देखा। लेकिन पढऩे-लिखने के शौकिन मुनव्वर ने 13 साल की ही उम्र में अपनी पहली कविता लिख डाली और इस कविता के प्रकाशन के लिए रोज 10 रुपए जोडऩा शुरु कर दिया।

इस तरह एक-एक पैसा जोड़कर उन्होंने 2004 में अपनी पहली बुक प्रकाशित करवा ली। पंजाबी भाषा में लिखी गई उनकी लेखनी काफी दर्द और संघर्षों से भरी हुई है। अपनी किताबों में उन्होंने समाज से अलग जीवन जीने वाले तबकों के दर्द और संघर्ष को दर्शाया है। उनकी कविताएं अक्खां मिट्टी हो गइयां, परदेस दि संगत, सोचसमंदर, आदि हैं।

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