लोगों के लिए चैलेंज है यह डिश

जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत है। अंतरिक्ष में जहां ऑक्सीजन नहीं है, पानी में जहां आपके पास ऑक्सीजन ले सकने वाले फेफड़े नहीं हैं, वहां भी इसके लिए ऑक्सीजन मास्क की जरूरत होती है। धरती पर रहने के लिए आपको किसी ऑक्सीजन मास्क की जरूरत नहीं पड़ती।

By Edited By: Publish:Thu, 31 Jul 2014 12:46 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jul 2014 12:46 PM (IST)
लोगों के लिए चैलेंज है यह डिश

जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत है। अंतरिक्ष में जहां ऑक्सीजन नहीं है, पानी में जहां आपके पास ऑक्सीजन ले सकने वाले फेफड़े नहीं हैं, वहां भी इसके लिए ऑक्सीजन मास्क की जरूरत होती है। धरती पर रहने के लिए आपको किसी ऑक्सीजन मास्क की जरूरत नहीं पड़ती। प्रकृति ने इंसानों और जानवरों को खास इसके लिए श्वास प्रणाली दी है। पर अगर अच्छे रेस्तरा में, फेमस डिशेस खाने का शौक है तो हो सकता है बिना ऑक्सीजन मास्क के आपकी जान चली जाए। थोड़ा अजीब लग सकता है सुनना कि सिर्फ खाने के लिए ऑक्सीजन मास्क लगाने की क्या जरूरत है और ऐसा न करने पर जान कैसे जा सकती है, लेकिन यह पूरी तरह सच है।

डिश का नाम है एटॉमिक किक ऐश ड्रमस्टिक्स लंदन के ग्रैनथम में बिंदी रेस्तरा की शान है यह डिश। जानकर आश्चर्य होगा कि इस डिश को खाने के लिए 100 डॉलर का नकद इनाम रखा गया है फिर भी शायद ही कभी कोई इसे खा पाता होगा। 15 मिनट में 15 ड्रमस्टिक्स खाने वालों के लिए 100 डॉलर का ईनाम है। रेस्तरा के मालिक मि.करीम इसे खाने से पहले कस्टमर से एक डिस्क्लेमर साइन करवाते हैं। अंतिम बार इसे खाने वाले के चेहरे को लकवा मार गया था। घबराहट में उसने अपने ही हाथों से अपने चेहरे पर कई थप्पड़ लगाए लेकिन उससे उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।

एटॉमिक किक ऐश ड्रमस्टिक्स को बनाने वाले कुक को भी स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि उसे कोई नुकसान न हो। भले ही यह डिश इस बिंदी रेस्तरा की खासियत है पर इसे खाने और बनाने वालों के लिए इस डिश के कई साइड इफेक्ट्स हैं जैसे फेशियल पैरालीसिस (चेहरे का लकवा), शरीर कंपकपाना, इंटरनल ब्लीडिंग आदि। मि.करीम के अनुसार इस डिश के ये साइड एफेक्ट्स इसमें उपयोग किए गए सॉस के कारण है जो किसी बंदूक से कम नहीं। अगर इसे बनाते हुए ऑक्सीजन मास्क न पहना जाए तो बनाने वाला पूरे दिन के लिए बीमार पड़ सकता है। इसे खाने वाले को भी हाथों में 2 जोड़े दस्ताने पहनने पड़ते हैं (हर हाथ में दो दस्ताने)।

भारतीय पुलिस भीड़ को काबू में करने के लिए पेपर स्प्रे का प्रयोग करती है जिसमें 3 मिलियन स्कोविले (स्कोविले मिर्च का तीखापन मापने वाला मेजरमेंट है) यूज होता है। मोरुआगा स्कॉर्पिओन और कैरोलीना रीपर दुनिया की सबसे ज्यादा तीखी मिर्चियों की प्रजातियां हैं। यह सॉस इन्हीं मिर्चियों के प्रयोग से बनाया जाता है। 15 मिनट में 15 ड्रमस्टिक्स खाने का चैलेंज पूरा करना तो दूर, अब तक इसे खा चुके 20 लोगों में अधिकतम 2 ड्रमस्टिक्स खाने का रिकॉर्ड है। हर ड्रमस्टिक को मैंगो और टैमरिंड (इमली) बीबीक्यू ग्लेज में भीगोकर दुनिया की इन अधिकतम तीखी 15 मिर्चियों तथा 5 मिलिलीटर स्पेशल चिली एक्सट्रैक्ट (जिसका फायर हीट 13 मिलियन स्कोविले होता है) के साथ मिक्स किया जाता है। अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर यह डिश किसी के लिए इतना बड़ा चैलेंज क्यों है।

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