आपकी लिखावट आपके व्यक्तित्व का भी देती है परिचय, Handwriting में सुधार करने के हैं फायदे

कोई व्यक्ति यदि अपनी लिखावट में बदलाव के लिए प्रयासरत है तो इसका मतलब है कि वह अपने व्यक्तित्व में भी बदलाव लाना चाहता है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 03 Dec 2019 01:15 PM (IST) Updated:Tue, 03 Dec 2019 01:24 PM (IST)
आपकी लिखावट आपके व्यक्तित्व का भी देती है परिचय, Handwriting में सुधार करने के हैं फायदे
आपकी लिखावट आपके व्यक्तित्व का भी देती है परिचय, Handwriting में सुधार करने के हैं फायदे

नई दिल्ली, प्रेट्र। क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी लिखावट और आपके व्यक्तित्व का भी परिचय दे सकती है? भले ही लोग इन दोनों में कोई सामंजस्य न बैठा पाएं पर विश्लेषकों का मानना है कि हमारी लिखावट और हमारे व्यक्तित्व के बीच एक संबंध होता है, जिससे हमारे व्यक्तित्व का भी बोध होता है। जयपुर के 51 वर्षीय एक कारोबारी नवीन तोशनीवाल सदियों पुराने हस्तलेखों अध्ययन का विश्लेषण कर रहे हैं। वह इसका विश्लेषण करके मैनेजमेंट (प्रबंधन) के छात्रों और पेशेवरों को उनके व्यक्तित्व सुधार में मदद कर रहे हैं।

केमिकल इंजीनियर से ग्राफो विश्लेषण यानी हस्तलेखन विश्लेषक बने तोशनीवाल ने बताया कि लिखावट के विश्लेषण की कला लगभग दो हजार ईसवी पुरानी है और दर्शनशास्त्री अरस्तु से जुड़ी है। अरस्तु ने ही मनुष्य के मन और उसकी लिखावट के बीच के संबंध का पता लगाया था। उन्होंने बताया कि कुछ दशकों पहले ही हस्तलेखन विश्लेषण को लोकप्रियता मिली है और अब इस कला का सहारा कर्मचारियों की भर्ती, छात्रों के मार्गदर्शन और करियर काउंसलिंग के लिए बड़े स्तर पर किया जा रहा है।

तोशनीवाला ने कहा, 'हस्तलेखन दरअसल मन लेखन है। यह हमारे मन में उठ रही बातों को कागज पर उतरवाता है, इसलिए लिखावट में बदलाव के लिए किया गया मामूली-सा प्रयास भी यह बताता है कि व्यक्ति अपने चरित्र में बदलाव लाना चाहता है।' उन्होंने कहा कि यदि लिखावट में बदलाव के लिए तीन से चार सप्ताह तक रोजाना पांच से सात मिनट भी अभ्यास किया जाए तो इससे व्यक्ति के व्यक्तित्व में बदलाव आ सकता है।

तोशनीवाला ने कहा, 'लिखावट को देखकर किसी व्यक्ति की बुद्धिमता, दृढ़ निश्चय का स्तर, रचनात्मकता, कल्पना शक्ति और एकाग्र होने की क्षमता का पता लगाया जा सकता है।' उन्होंने कहा कि लिखावट के विश्लेषण से कार्पोरेट, प्लेसमेंट, जांच एजेंसी और शादियों में भी मदद मिल सकती है। इसके जरिये व्यक्ति सबसे ज्यादा खुद की मदद कर सकता है क्योंकि यदि वह अपनी लिखावट में सुधार लाता है तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि उसके व्यक्तित्व में सुधार हो जाए।

इस अध्ययन के लिए तोशनीवाला को इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आइएसबी), हैदराबाद से हस्तलेखन विश्लेषण के लिए प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है।

chat bot
आपका साथी