जौहर विवि के खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर, अतिक्रमण को लेकर आजम पर कार्रवाई की मांग

कोसी नदी की जमीन पर गैर-कानूनी ढंग से जौहर यूनिवर्सिटी का निर्माण करने के लिए आजम खां के विरुद्ध एनजीटी को कार्रवाइ करनी चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 10 Jul 2019 10:36 PM (IST) Updated:Wed, 10 Jul 2019 10:36 PM (IST)
जौहर विवि के खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर, अतिक्रमण को लेकर आजम पर कार्रवाई की मांग
जौहर विवि के खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर, अतिक्रमण को लेकर आजम पर कार्रवाई की मांग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनजीटी में आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक याचिका दाखिल हुई है। याचिका में यूनिवर्सिटी से कोसी नदी को हो रहे पर्यावरणीय नुकसान का मुद्दा उठाया गया है।

पर्यावरणविद शैलेश सिंह की ओर से वकील प्रीति सिंह द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि जौहर यूनिवर्सिटी का निर्माण कोसी नदी की जमीन पर अतिक्रमण करके किया गया है।

हालांकि कभी आजम खां ने अपने पुत्र व पत्नी के माध्यम से एनजीटी को पत्र लिखकर उन उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जो कोसी नदी में प्रदूषण फैला रहे हैं, लेकिन तब पत्र में उन्होंने अपनी यूनिवर्सिटी से संबंधित तथ्यों को छुपा लिया था। जबकि उनके पत्र को गंभीरता से लेते हुए एनजीटी ने संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी किया था।

याचिका में एनजीटी से अनुरोध किया गया है कि अब उसे कोसी नदी की जमीन पर गैर-कानूनी ढंग से यूनिवर्सिटी का निर्माण करने के लिए आजम खां के विरुद्ध भी उसी तरह की कार्रवाइ करनी चाहिए जैसी उसने उद्योगों के मामले में की थी।

याचिका में कहा गया है कि ये आवेदन आरटीआइ से प्राप्त जवाबों के आधार पर दायर की गई है जिनसे यूनिवर्सिटी से कोसी नदी की जमीन पर अतिक्रमण करने तथा उसके बहाव में अवरोध पैदा करने तथा पानी की कमी के साथ पर्यावरण को नुकसान पहंुचाए जाने की पुष्टि होती है।

इस अवैध निर्माण से नदी में धारा की गति, गहराई, चौड़ाई, गाद, भूमिगत जल के स्तर एवं गुणवत्ता के अलावा मानव जीवन प्रभावित होने के साथ-साथ जलीय जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। चूंकि ये मामला ऐसे रसूखदार लोगों, राजनेताओं तथा उद्यमियों से संबंधित है, जिनका सरकार, अधिकारियों तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर अच्छा खासा प्रभाव है, इसलिए इनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 

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