फाइटर प्लेन सुखोई-30 का मलबा चीन के बॉर्डर के पास मिला

वायुसेना का सुखोई-30 लड़ाकू विमान अपने दो पायलटों के साथ असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से नियमित अभ्यास के तहत सुबह साढ़े नौ बजे उड़ान भरी थी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Fri, 26 May 2017 12:11 PM (IST) Updated:Fri, 26 May 2017 06:17 PM (IST)
फाइटर प्लेन सुखोई-30 का मलबा चीन के बॉर्डर के पास मिला
फाइटर प्लेन सुखोई-30 का मलबा चीन के बॉर्डर के पास मिला

तेजपुर (असम), प्रेट्र। वायुसेना का लड़ाकू जेट सुखोई का मलबा मिल गया है। तेजपुर के सलोनीबारी वायु सैनिक अड्डे से उड़ान भरने के बाद चालक दल के दो सदस्यों के साथ यह विमान लापता हो गया था। तीन दिनों तक चले तलाशी अभियान के बाद शुक्रवार को विमान का मलबा पाया गया।

वायुसेना ने लड़ाकू विमान के दुर्घटना ग्रस्त होने की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दे दिया है। टू-सीटर एसयू-30 एमकेआइ 23 मई को दिन के 10:30 बजे नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर रवाना हुआ था। 11:10 पर विमान का रडार और रेडियो संपर्क टूट गया। अपुष्ट सूचनाओं के मुताबिक, उस समय विमान में एक स्क्वाड्रन लीडर और एक चालक दल का सदस्य सवार था।

यह भी पढ़ें: सुखोई पर सस्पेंस कायम, 7 साल में 8वां हादसा, 29 सौ करोड़ का नुकसान

वायुसेना ने विमान में सवार सदस्यों के बारे में अभी तक कोई अधिकृत सूचना जारी नहीं की है।तेजपुर 4 कोर के रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल संबित घोष ने बताया कि लापता एसयू-30 जेट का मलबा उसकी अंतिम स्थिति के समीप पाया गया। यह विमान तेजपुर से 60 किलोमीटर उत्तर पश्चिम असम के सोनितपुर जिले में था। प्रवक्ता ने कहा, 'अभी तक मौसम खराब है। घने जंगल के कारण तलाशी दल के सदस्य उस जगह तक नहीं पहुंच पाए हैं।'

यह भी पढ़ें: ये है विश्‍व की पांच बड़ी सैन्‍य शक्तियां, जानें इनमें कहां आता है भारत

देश की अग्रिम पंक्ति का विमान एसयू-30 एमकेआइ तेजपुर अड्डे में पूर्व वायुसेना उपप्रमुख एयर मार्शल पीके बारबोरा के कार्यकाल में 15 जून 2009 को शामिल हुआ था। वर्तमान में तेजपुर में एसयू-30 के दो स्क्वाड्रन तैनात हैं। एक स्क्वाड्रन में 12 से 16 विमान होते हैं।

chat bot
आपका साथी