Coronavirus Vaccine: भारतीय कंपनी का ब्रिटेन के साथ समझौता, सप्लाइ करेगी करोना वैक्सीन

समझौते के मुताबिक कंपनी सीपी फार्मास्युटिकल्स में बनने वाले विभिन्न टीकों को ब्रिटेन सरकार को आपूर्ति करने के लिए आरक्षित रखेगी।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 09:29 AM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 09:29 AM (IST)
Coronavirus Vaccine: भारतीय कंपनी का ब्रिटेन के साथ समझौता, सप्लाइ करेगी करोना वैक्सीन
Coronavirus Vaccine: भारतीय कंपनी का ब्रिटेन के साथ समझौता, सप्लाइ करेगी करोना वैक्सीन

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत की दवा निर्माता कंपनी वॉकहार्ड लिमिटेड ब्रिटेन को लाखों डोज कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति करेगी। इसमें एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सीन भी शामिल है। इस सिलसिले में ब्रिटेन सरकार के साथ हुए करार का सोमवार को एलान किया गया।

कंपनी ने जानकारी दी कि वह अपने नॉर्थ वेल्स स्थित कारखाने में टीके का निर्माण करेगी। इसने बयान जारी कर कहा कि टीके का निर्माण उसकी सहायक सीपी फार्मास्युटिकल्स के संयंत्र में किया जाएगा। समझौते के मुताबिक कंपनी इस संयंत्र में बनने वाले विभिन्न टीकों को ब्रिटेन सरकार को आपूर्ति करने के लिए आरक्षित रखेगी।

वॉकहार्ड के संस्थापक चेयरमैन हाबिल खोराकीवाला ने कहा कि ब्रिटेन सरकार के साथ टीकों के निर्माण के लिए साझेदारी करने की हमें खुशी है। यह गौरव से भरने वाला पल है। यह महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एक वैश्विक संगठन के रूप में वॉकहार्ड कोविड-19 के विश्वव्यापी असर को कम करने में सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।                                         

उधर, डीसीजीआइ ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके के देश में दूसरे व तीसरे चरण के मानव परीक्षण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को मंजूरी दे दी है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित इस टीके के दूसरे एवं तीसरे चरण का परीक्षण अभी ब्रिटेन में चल रहा है। तीसरे चरण का परीक्षण ब्राजील में और पहले तथा दूसरे चरण का परीक्षण दक्षिण अफ्रीका में चल रहा है। दूसरे एवं तीसरे चरण के परीक्षण के लिए एसआइआइ के आवेदन पर विचार करने के बाद एसईसी ने 28 जुलाई को इस संबंध में कुछ और जानकारी मांगी थी तथा प्रोटोकॉल में संशोधन करने को कहा था। एसआइआइ ने संशोधित प्रस्ताव बुधवार को जमा करवा दिया। पैनल ने यह भी सुझाव दिया है कि क्लिनिकल ट्रायल के लिए स्थलों का चुनाव पूरे देशभर से किया जाए।

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