डब्ल्यूएचओ ने कहा, कोविड-19 की सीमित वैक्सीन सब तक पहुंचाना बड़ी चुनौती, टीका उत्पादन का हब है भारत

सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि वर्ष 2021 की शुरुआत में नोवल कोरोना वायरस पर वैक्सीन को लेकर कोई अच्छी खबर मिल सकती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 26 Aug 2020 08:40 PM (IST) Updated:Wed, 26 Aug 2020 08:40 PM (IST)
डब्ल्यूएचओ ने कहा, कोविड-19 की सीमित वैक्सीन सब तक पहुंचाना बड़ी चुनौती, टीका उत्पादन का हब है भारत
डब्ल्यूएचओ ने कहा, कोविड-19 की सीमित वैक्सीन सब तक पहुंचाना बड़ी चुनौती, टीका उत्पादन का हब है भारत

बेंगलुरु, प्रेट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने बुधवार को कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की वैक्सीन की सीमित संख्या को ईमानदारी से सब तक पहुंचाना बहुत ही बड़ी चुनौती है। खासकर, इन कम उपलब्ध वैक्सीनों को संपन्‍ना देश ही अपने कब्जे में न कर लें, इस बात का भी पूरा ध्यान रखना होगा। 

2021 की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन को लेकर मिल सकती है अच्छी खबर

2021 की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन को लेकर मिल सकती है अच्छी खबरसौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि वर्ष 2021 की शुरुआत में नोवल कोरोना वायरस पर वैक्सीन को लेकर कोई अच्छी खबर मिल सकती है। लेकिन इसके बाद यह बड़ी चुनौती होगी कि हम इसका पूरे विश्व में पूरी ईमानदारी से वितरण कर पाएं। ऐसा अमीर देशों को सीमित वैक्सीन पर काबिज होने दिए बिना करना होगा। 

वैक्सीन उत्पादन का हब है भारत 

उन्होंने बेंगलुरु में हुए एक वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लेकिन भारत वैक्सीन उत्पादन का हब है। भारत इस दिशा में अच्छी स्थिति में है, चूंकि कई कंपनियां इसके विकास पर काम कर रही हैं और कई कंपनियां विदेशी संगठनों के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रही हैं। 

दूसरे दौर में मृत्यु दर अधिक नहीं बढ़ेगी

इस वैश्विक महामारी के जिम्मेदार वायरस से निपटने के लिए जन स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की जरूरत है, चूंकि यह बीमारी पूरी दुनिया में असमान स्वरूप में फैली हुई है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दूसरे दौर में मृत्यु दर अधिक नहीं बढ़ेगी। हमें अभी तक यह नहीं पता है कि यूरोप और अमेरिका के मुकाबले दक्षिण एशिया और अफ्रीका में मृत्यु दर इतनी कम क्यों है।

भारत में तीन वैक्‍सीन पर परीक्षण  

ज्ञात हो कि भारत में तीन COVID-19 वैक्‍सीन का इस मसय परीक्षण चल रहा है। सीरम इंस्‍टीट्यट की वैक्‍सीन का 2 (बी) फेज और 3 फेज टेस्‍ट चल रहा है। भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की वैक्‍सीन ने 1 फेज का टेस्‍ट पूरा कर लिया है। जहां तक स्पुतनिक -5 वैक्सीन (रूस में विकसित COVID 19 वैक्सीन) का संबंध है, भारत और रूस एक-दूसरे के संपर्क में हैं। कुछ प्रारंभिक जानकारी साझा की गई है। 

आपकी जानकारी के लिए, भारत में पिछले मंगलवार से पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन का फेज -2 क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। पुणे के भारती विद्यापीठ चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता जांचने के लिए स्वस्थ वयस्कों पर अध्ययन किया जाएगा। 

गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरेाना वैक्सीन बनाने के लिए ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनिका के साथ साझेदारी की है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 3 अगस्त को सीरम को देश में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन के फेज 2 और 3 के ह्यूमन ट्रायल के लिए मंजूरी दी थी। 

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