राष्ट्रगान के दौरान खड़ा न होना जुर्म, सजा और आर्थिक दंड का है प्रावधान

क्या राष्ट्रगान के दौरान खड़ा होना जरूरी है। विशेषज्ञों के मुताबिक राष्ट्रगान के दौरान खड़ा संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत ऐसा करना जरुरी है। इस अनुच्छेद में 11 मौलिक कर्तव्यों का जिक्र है

By Lalit RaiEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2015 09:33 AM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2015 11:38 AM (IST)
राष्ट्रगान के दौरान खड़ा न होना जुर्म, सजा और आर्थिक दंड का है प्रावधान

नई दिल्ली। क्या राष्ट्रगान के दौरान खड़ा होना जरूरी है। विशेषज्ञों के मुताबिक राष्ट्रगान के दौरान खड़ा संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत ऐसा करना जरुरी है। इस अनुच्छेद में 11 मौलिक कर्तव्यों का जिक्र है, जिसे मानने के लिए कोई भी शख्स कानूनी तौर से बाध्य नहीं है। लेकिन राष्ट्रगान को अपवाद की श्रेणी में रखा गया है। इस अनुच्छेद के मुताबिक राष्ट्रगान के दौरान खड़ा न होना जुर्म है।

इस अनुच्छेद के मुताबिक शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों को भी रियायत नहीं दी गयी है। बॉम्बे लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अहमद आब्दी ने कहा कि मल्टीप्लेक्स को उस परिवार को पहले से बताना चाहिए था। अगर वो परिवार बताने के बाद भी राष्ट्रगान के दौरान बैठा रहा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक अगर किसी सिनेमा हाल में राष्ट्रगान बजता है तो सभी दर्शकों को खड़ा होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के सेक्शन तीन में साफ तौर पर जिक्र है कि अगर कोई शख्स जानबूझ कर तिरंगे या राष्ट्रगान का अपमान करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, साथ ही तीन साल की सजा के साथ आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा। इन नियमों के तहत शारीरिक तौर से अक्षम लोगों को भी राहत नहीं दी गयी है। हालांकि ऐसे लोग जो मानसिक तौर से अपंग हो या खड़े होने में सक्षम नहीं हैं तो उनको छूट दी जा सकती है।

होम मंत्रालय के दिशानिर्देश में इस बात का जिक्र है कि अगर राष्ट्रगान फिल्म का हिस्सा है तो खड़े होने की जरुरत नहीं है।

इससे पहले भी राष्ट्रगान के मुद्दे पर कई बार विवादों ने तूल पकड़ा । राजस्थान के गवर्नर कल्यान सिंह ने कहा था कि अधिनायक की जगह मंगल शब्द का प्रयोग होना चाहिए वहीं सिक्किम के मुख्यमंत्री ने सिंध की जगह सिक्किम जोड़ने की मांग की थी। पिछले साल इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद की मौजूदगी में राष्ट्रगान के अपमान का मामला उठा था।

गौरतलब है कि मुंबई में फिल्म तमाशा के दौरान को कुछ दर्शकों ने एक मुस्लिम परिवार को राष्ट्रगान के दौरान खड़ा न होने के लिए सिनेमा हाल से बाहर कर दिया था। हालांकि इस मामले में पीवीआर प्रशासन ने जवाब देने से इंकार कर दिया है।

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