फैशन बन गया है कर्ज माफी, लेकिन ये अंतिम समाधान नहींः वेंकैया नायडू

वेंकैया नायडू ने कहा कर्ज माफी विकट परिस्थितियों में होनी चाहिए।

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Thu, 22 Jun 2017 04:19 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jun 2017 06:05 PM (IST)
फैशन बन गया है कर्ज माफी, लेकिन ये अंतिम समाधान नहींः वेंकैया नायडू
फैशन बन गया है कर्ज माफी, लेकिन ये अंतिम समाधान नहींः वेंकैया नायडू

मुंबई, प्रेट्र। केंद्रीय नगरीय विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि कर्ज माफी की मांग करना अब फैशन बन गया है। लेकिन यह कोई अंतिम समाधान नहीं है। इस पर बहुत ही खराब हालात में विचार करना चाहिए। कर्ज माफ करने की मांग को लेकर हाल ही में किसानों ने मुख्यत: भाजपा शासित राज्यों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि ने हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया है। एक कार्यक्रम में शिरकत करने मुंबई आए नायडू ने कहा, 'आजकल कर्ज माफ करने की मांग करना फैशन बन गया है।'

उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत मिलनी चाहिए। और उन किसानों की भी मदद की जानी चाहिए जो भारी संकट में हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि हमें उनके लिए पर्याप्त मूलभूत ढांचा तैयार करना चाहिए। उन्हें गोडाउन, कोल्ड स्टोरेज, रेफिजरेटर वैन और ऐसी ही कई अन्य सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि अब तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे बड़े राज्यों ने किसानों के करोड़ों रुपये की कर्ज माफी की घोषणा कर दी है।

सरकार को आधारभूत ढांचा खड़ा करने पर ध्यान देना चाहिए : सरकारी एयरलाइंस

एयर इंडिया को बेचने के केंद्र के प्रस्ताव पर वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार की भूमिका इसमें सुविधा मुहैया कराने वाले और प्रशासक की ही है। जिसे अपना सारा ध्यान आधारभूत ढांचा खड़ा करने पर देना चाहिए। हमने देखा है कि एयर इंडिया के साथ क्या हुआ। यह सरकार का काम नहीं है कि वह कारोबार करे। उसे प्रशासन, स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं मुहैया कराने और मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

एयर इंडिया पर 50 हजार करोड़ का कर्ज

इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एयर इंडिया के विनिवेश पर कहा था कि शेयर बाजार में उसकी साझेदारी 14 फीसद ही है लेकिन उस पर 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। इसी के चलते नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि वह सरकारी एयरलाइंस का अस्तित्व बनाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कर्ज में डूबी एयर इंडिया को उबारने के लिए टाटा समूह इसे खरीदने पर विचार कर रहा है। हालांकि सरकार के पास अभी भी कई विकल्प हैं। वह इसका पूरी तरह या आंशिक रूप से भी निजीकरण कर सकती है।

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