उत्तराखंड बजट लोक सभा से पारित

उत्तराखंड में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच लोकसभा ने सोमवार को राज्य का बजट 2016-17 पारित कर दिया।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Mon, 09 May 2016 07:44 PM (IST) Updated:Mon, 09 May 2016 09:30 PM (IST)
उत्तराखंड बजट लोक सभा से पारित

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । उत्तराखंड में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच लोकसभा ने सोमवार को राज्य का बजट 2016-17 पारित कर दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 39,067 करोड़ रुपये का बजट और 13,642 करोड़ रुपये की लेखानुदान मांगे लोक सभा में पेश कीं जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।

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उत्तराखंड बजट पर लोक सभा में चार घंटे से अधिक चली चर्चा का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि यह संवैधानिक जरूरत है, इसलिए सदन को इसे पारित करना चाहिए। चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की आलोचना करते हुए सरकार पर संविधान की धारा 356 के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

जेटली ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी धारा 356 का पहले भी उपयोग और दुरुपयोग हुआ है। अब इसका उपयोग नियंत्रित हो गया है। उन्होंने इस संबंध में सत्तर के दशक में 9 राज्यों की विधान सभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाने तथा 1992 में उत्तर प्रदेश में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को बर्खास्त करने का उदाहरण दिया।

जेटली ने कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति लगाने का ठोस आधार था। राज्य विधान सभा में विनियोग विधेयक के पारित होते समय 27 विधायकों ने मत विभाजन की मांग की थी लेकिन विधान सभा अध्यक्ष ने मत विभाजन कराने से मना कर दिया। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने सदन की स्थिति बदल दी। इस तरह राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए यह पहला साक्ष्य था। जेटली ने कहा कि विधान सभा का रिकार्ड दिखाता है कि मत विभाजन की मांग की गयी लेकिन मतदान कराए बगैर ही विनियोग विधेयक पारित घोषित कर दिया। दूसरा साक्ष्य यह है कि राज्य के मुख्यमंत्री को एक वीडियो में खरीद-फरोख्त करते हुए दिखाया गया था।

जेटली ने कहा कि उत्तराखंड का बजट विधान सभा से पारित नहीं हुआ था जिसके चलते एक अप्रैल से राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा होने का खतरा था। यही वजह है कि केंद्र ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया।

जेटली के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से सवाल किया कि जब 10 मई को अदालत के आदेश पर राज्य में मत विभाजन हो रहा है तो सरकार को राज्य का बजट पारित करने की जल्दी क्यों है। खड़गे ने कहा कि जो भी सरकार मत विभाजन के बाद चुनी जाएगी वह बजट पारित कर लेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र का यह कदम असंवैधानिक है, इसलिए उनकी पार्टी इस मामले में सरकार का साथ नहीं देगी। खड़गे ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया।

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बजट पेश करते हुए जेटली ने पढ़ीं दुश्यंत कुमार की ये पंक्तियां:

हो गयी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए।

इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं।

मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।।

उत्तराखंड बजट एक नजर में

राजस्व प्राप्तियां : 31402

पूंजीगत प्राप्तियां : 7636

कुल प्राप्तियां : 39039

गैर-योजनागत व्यय: 24463

योजनागत व्यय : 14604

कुल व्यय : 39067

राजस्व घाटा : 149

राजकोषीय घाटा: -5591

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