एक बीमार यात्री के लिए देवदूत बना दारोगा, पीठ पर लादकर पहुंचाया अस्पताल

उत्तरकाशी में बीमार यात्री को पीठ पर लादकर अस्पताल ले जाते दारोगा लोकेंद्र बहुगुणा। जागरण

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 07 Jun 2018 08:58 AM (IST) Updated:Thu, 07 Jun 2018 09:07 AM (IST)
एक बीमार यात्री के लिए देवदूत बना दारोगा, पीठ पर लादकर पहुंचाया अस्पताल
एक बीमार यात्री के लिए देवदूत बना दारोगा, पीठ पर लादकर पहुंचाया अस्पताल

उत्तरकाशी [जागरण संवाददाता]। आमतौर पर पुलिस की भूमिका को संशय की दृष्टि से देखा जाता है, लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं। इसकी बानगी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तब देखने को मिली, जब एक बीमार यात्री कोदारोगा ने पीठ पर लादकर दो किमी दूर अस्पताल पहुंचाया। यात्री के लिए देवदूत बने इस दारोगा के कार्य की पुलिस कप्तान ने भी सराहना की है।

जानकारी के अनुसार, भोपाल के 55 वर्षीय रांझी राजन मंगलवार को परिवार के साथ यमुनोत्री धाम जा रहे थे। भैरव मंदिर के पास अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इससे उनकी पत्नी और अन्य लोग घबरा गए। तभी जानकीचट्टी चौकी के इंचार्ज लोकेंद्र बहुगुणा फरिश्ता बनकर वहां पहुंच गए। तब मौके पर घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी वाला कोई भी मौजूद नहीं था और यात्री की स्थिति नाजुक थी।

लोकेंद्र ने बिना समय गंवाए यात्री को पीठ पर लादा और दो किमी की खड़ी चढ़ाई पैदल नापकर उसे यमुनोत्री सीजनल अस्पताल पहुंचा दिया। वहां वह करीब चार घंटे तक चिकित्सकों की निगरानी में रहे। चिकित्सकों ने बताया कि रांझी को माइनर हार्ट अटैक आया था। समय रहते अस्पताल पहुंचने की वजह उनकी जान बच गई।

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद रांझी ने परिवार के साथ यमुनोत्री धाम में मत्था टेका। रांझी के परिजन दारोगा लोकेंद्र बहुगुणा के सेवा भाव से गदगद हैं। उधर, अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि लोकेंद्र ने चारधाम यात्रा में अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने पुलिस मुख्यालय की ओर से लोकेंद्र को पांच हजार रुपये का नकद इनाम और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। 

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