अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर असमंजस में प्रवासी भारतीय, 'दिल' से चुनें या 'भारत' की सुनें

अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीय इन दिनों असमंजस में हैं। सुबह नाश्ते की टेबल पर उनकी चर्चा का यही विषय होता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भारत से मिल रही सलाह सुनें या जिसे दिल कहे उसे चुनें!

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2020 09:57 PM (IST) Updated:Mon, 02 Nov 2020 07:30 AM (IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर असमंजस में प्रवासी भारतीय, 'दिल' से चुनें या 'भारत' की सुनें
जो बिडेन, कमला हैरिस और डोनाल्ड जे. ट्रंप की फाइल फोटो।

ईश्वर शर्मा, इंदौर। अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीय इन दिनों असमंजस में हैं। सुबह नाश्ते की टेबल पर उनकी चर्चा का यही विषय होता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भारत से मिल रही सलाह सुनें या जिसे दिल कहे, उसे चुनें! दरअसल, 3 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के तहत मतदान होना है और प्रवासी भारतीय खेमों में बंटे हुए हैं। एक खेमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की मजबूत दोस्ती को भारत के लिए लाभदायक मानकर ट्रंप को फिर वोट देने के मूड में है तो दूसरा खेमा डेमाक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन को पसंद कर रहा है। इस कश्मकश में कई भारतीय प्रवासी भारत में रह रहे अपने स्वजन से सलाह-मशविरा कर रहे हैं?

केस 1 

अमेरिका के शिकागो निवासी सॉफ्टवेयर डेवलपर आशीष व्यास कहते हैं- 'मेरा दिल बिडेन की तरफ झुका है, क्योंकि वे लिबरल हैं और भारतीयों के लिए वीजा संबंधी दिक्कत पैदा नहीं करेंगे, किंतु पापा (भोपाल निवासी गोविंद व्यास) का सुझाव है कि रिपब्लिकन ट्रंप भारत के लिए ज्यादा बेहतर हैं।' अब आशीष और सॉफ्टवेयर डेवलपर पत्नी अदिति व्यास नफा-नुकसान सोचकर वोट करेंगे।

केस 2 

पटना निवासी स्नेहा झा कहती हैं, 'रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप को वोट देना चाहती हूं, लेकिन भाई (इंदौर निवासी बैंकर संचित झा) का कहना है, बिडेन को दो। एक्चुली भाई सही कह रहा है, लेकिन मुझे ट्रंप की स्ट्रेट फॉरवर्ड पॉलिसी पसंद है। देखती हूं, वोटिंग वाले दिन दिल जो कहेगा, वही करूंगी।'

केस 3 

उज्जैन निवासी जाहिद खान जो बिडेन को चुनना चाहते हैं, किंतु पिता गनी मोहम्मद का सुझाव है कि 'जिसकी नीतियां भारत के लिए बेहतर हों, उसे चुनना'। दरअसल, पिता का झुकाव रिपब्लिकन ट्रंप की ओर है।

वॉट्सऐप बना चर्चा का अड्डा

वॉट्सऐप पर नि:शुल्क और अनलिमिटेड चर्चा/बहस की जा सकती है, इसलिए प्रवासी भारतीय 'लेट्स प्ले प्रेसिडेंट इलेक्शन', 'इलू, इलू इलेक्शन' और 'बी सीरियस बडी' जैसे वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर उन पर चुनावी चर्चा, बहस आदि कर रहे हैं।

भारतीयों का रुतबा बढ़ा 

ओरेगॅन प्रांत में रहने वाले इन्फोसिस कर्मचारी राज पाटीदार बताते हैं, 'अमेरिका में मैक्सिको के बाद भारतीय मूल के लोग सर्वाधिक प्रवासी हैं। यह संख्या 40 लाख से भी अधिक है। भारतीय प्रवासी यूएस में सबसे अधिक शिक्षित, संपन्न, विवेकशील और महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं। ये दोनों पार्टियों को बड़े पैमाने पर चंदा भी देते हैं। साथ ही राजनीति व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खासा दखल रखने से भी ये वर्ग प्रभावी है। यही वजह है कि रिपब्लिकन और डेमाक्रेट, दोनों चाहते हैं कि भारतीय प्रवासी उनका साथ दें।'

छाए रहते हैं भारतीय प्रवासी 

- 2016 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन हिंदू कोएलिशन की रैली में हिंदू वोटों के लिए दांव लगाया।

- 2 अगस्त 2020 को डेमोक्रेटक उम्मीदवार जो बिडेन ने हिंदू समुदाय को 'गणेश चतुर्थी की विशेष शुभकामनाएं' दीं और भारतीयों को अमेरिका के विकास का साथी बताया।

- बिडेन ने भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस को अपनी रनिंग मेट और डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाया।

- 24—27 अगस्त 2020 को रिपब्लिकन कन्वेंशन में भी ट्रंप ने भारतीय प्रवासियों से सीधी अपील की।

- डेमोक्रेट बराक ओबामा हर साल दिवाली सहित अन्य हिंदू त्योहारों पर भारतीयों को बधाई देना नहीं भूलते।

chat bot
आपका साथी