यूपी में दो सिपाहियों को गोलियों से भूना, बवाल

लोकसभा चुनाव के बाद से अपराधियों ने सारे घोड़े दौड़ा दिए हैं। रविवार आधी रात को दो सिपाहियों को गोलियों से भून डाला। दुस्साहसिक घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश भागने में कामयाब हो गए। हत्या के विरोध में सुबह जमकर बवाल हुआ। पब्लिक ने ढाई घंटे हाईवे जाम रखा। पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों को जमकर पीटा। दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़ की। पथराव में डीआइजी भी घायल हो गए। घटना के बाद एसओ और एसएसआइ को निलंबित कर दिया गया है। यही नहीं एसपी के खाली पद पर शाम को तैनाती कर दी गई है। एटा के एसपी अजय राज शर्मा यहां कमान संभालेंगे।

By Edited By: Publish:Mon, 16 Jun 2014 09:37 AM (IST) Updated:Tue, 17 Jun 2014 01:58 AM (IST)
यूपी में दो सिपाहियों को गोलियों से भूना, बवाल

फीरोजाबाद [जासं]। लोकसभा चुनाव के बाद से अपराधियों ने सारे घोड़े दौड़ा दिए हैं। रविवार आधी रात को दो सिपाहियों को गोलियों से भून डाला। दुस्साहसिक घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश भागने में कामयाब हो गए। हत्या के विरोध में सुबह जमकर बवाल हुआ। पब्लिक ने ढाई घंटे हाईवे जाम रखा। पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों को जमकर पीटा। दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़ की। पथराव में डीआइजी भी घायल हो गए। घटना के बाद एसओ और एसएसआइ को निलंबित कर दिया गया है। यही नहीं एसपी के खाली पद पर शाम को तैनाती कर दी गई है। एटा के एसपी अजय राज शर्मा यहां कमान संभालेंगे।

घटनाक्रम रविवार आधी रात बाद करीब डेढ़ बजे का है। थाना रामगढ़ की चेतक मोबाइल पर तैनात सिपाही गिर्राज किशोर गुर्जर एवं दिनेश प्रताप सैलई रोड 60 फुटा रोड पर लूट की सूचना पर पहुंचे। वहां पहले से मौजूद आधा दर्जन बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में 45 वर्षीय गिर्राज किशोर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दिनेश गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले के बाद दिनेश ने खुद फोन से थाने को सूचना दी, लेकिन फोर्स देरी से पहुंचा। गंभीर रूप से घायल दिनेश को उपचार के लिए आगरा ले जाते समय मौत हो गई। गिर्राज आगरा के फतेहाबाद के गांव भलोखरा और दिनेश मैनपुरी के गांव नगला किर्री घिरोर के निवासी हैं। घटना की सूचना पर देर रात आइजी सुनील गुप्ता, डीआइजी विजय सिंह मीणा फोर्स के साथ पहुंच गए।

सोमवार सुबह आइजी, डीआइजी के अलावा डीएम विजय किरन आनंद जिला अस्पताल पहुंचे और शवों को पोस्टमार्टम कक्ष में रखवाने की कोशिश की। मृत सिपाहियों के परिजनों व शुभचिंतकों ने विरोध किया। उनकी मांग थी कि प्रभारी एसपी [एएसपी] राकेश पांडे को निलंबित किया जाए और एसओ रामगढ़ व एसएसआइ के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाए। ठोस कार्रवाई न होने पर जनाक्रोश भड़क गया। इसके बाद भीड़ हाईवे पर पहुंची और जाम लगा दिया। सपा नेताओं और पुलिस अधिकारियों ने समझाकर जाम खुलवा दिया, परंतु थोड़ी ही देर में भीड़ फिर भड़क गई।

एएसपी मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए बेकाबू भीड़ ने हाईवे पर ट्रैफिक रोककर पुलिस पर हमला बोल दिया। सीओ शिकोहाबाद जगदीश सिंह, उत्तर कोतवाली के इंस्पेक्टर एसपी यादव, इंस्पेक्टर दक्षिण सुरेंद्र सिंह, एसआइ जीसी तिवारी, सिपाही रामसेवक व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर दी। किसी तरह पुलिसकर्मी जान बचाकर निकल पाए।

इसके बाद भीड़ ने वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस जीप को क्षतिग्रस्त कर आग लगाने की कोशिश हुई। जबरदस्त पथराव किया, जिसमें जिसमें डीआइजी विजय सिंह मीणा व अन्य लोग घायल हो गए। हालात बिगड़ते देख डीएम विजय किरन आनंद ने स्वयं पुलिस वालों के साथ उपद्रवियों को खदेड़ा।

वहीं मृतक सिपाही दिनेश प्रताप के पिता ईश्वर दयाल ने थानाध्यक्ष रामगढ़ अजय यादव व एसएसआइ मोहम्मद उमर फारुख के खिलाफ साजिश रचकर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। डीआइजी ने बताया कि एसओ रामगढ़ अजय यादव एवं एसएसआइ मोहम्मद उमर फारुख को सस्पेंड कर दिया गया है। हत्यारों की तलाश में टीमें रवाना है। आरोपों की जांच की जा रही है।

चुनाव बाद सपा नेता समेत दो दर्जन से ज्यादा हत्याएं

चुनाव के बाद से ही आपराधिक वारदातों से थर्रा रहे फीरोजाबाद में यह आलम तब है, जबकि सरकार की यहां सीधी नजर है। मुख्यमंत्री के चचेरे भाई अक्षय यादव यहां से सांसद हैं। इसके बावजूद चुनाव के बाद से जिले में सपा नेता समेत 29 हत्याएं हो चुकी हैं। लोकसभा चुनाव में मतदान होते ही अपराधी ताबड़तोड़ हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं। सपा नेता की हत्या के बाद तो एसपी को निलंबित कर दिया गया था मगर बिगड़ी हालत के बाद भी शासन ने एसपी की तैनाती नहीं की। ऐसे में हालात में कोई सुधार तो दूर और बिगड़ गई।

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