रेलवे ने बताई ट्रेन हादसे की पूरी कहानी, अबतक 275 लोगों की मौत; पढ़ें 10 पॉइंट्स में पूरा घटनाक्रम

Odisha Train Tragedy घटना का मूल कारण इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव को बताया जा रहा है। इस दर्दनाक हादसे में आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 275 लोगों की जान जा चुकी है रेलवे ने CBI जांच की सिफारिश की है।

By Mohammad SameerEdited By: Publish:Mon, 05 Jun 2023 05:00 AM (IST) Updated:Mon, 05 Jun 2023 05:00 AM (IST)
रेलवे ने बताई ट्रेन हादसे की पूरी कहानी, अबतक 275 लोगों की मौत; पढ़ें 10 पॉइंट्स में पूरा घटनाक्रम
ओडिशा ट्रेन त्रासदी से जुड़े 10 शीर्ष घटनाक्रम।

HighLights

  • 187 शवों की पहचान की जानी बाकी है।
  • हेल्पलाइन नंबर 139 पर विशेष इंतजाम किए हैं।
  • 123 ट्रेने कैंसल की गई हैं।

ऑनलाइन डेस्क, मोहम्मद समीरः ओडिशा के बालेश्वर जिले में तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर को दो दिन हो चुके हैं। रेलवे अधिकारी ट्रैक पर सेवाएं पूरी तरह से बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शाम को ट्वीट कर जानकारी दी कि अप-लाइन का ट्रैक लिंकिंग 16:45 बजे किया गया है। ओवरहेड विद्युतीकरण का काम शुरू हुआ है।

घटना का मूल कारण इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव को बताया जा रहा है। इस दर्दनाक हादसे में आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 275 लोगों की जान जा चुकी है, रेलवे ने दशकों में सबसे घातक रेल दुर्घटना में से एक की CBI जांच की सिफारिश की है। आइए जानते हैं कि हादसे के बाद अब तक क्या-क्या हुआ?

ओडिशा ट्रेन त्रासदी से जुड़े 10 शीर्ष घटनाक्रम

 रेलवे दुर्घटना स्थल के डाउन लाइन ट्रैक में ट्रेन सेवाओं को बहाल करने में सफल रहा है। हादसे के बाद 51 घंटे में मरम्मत का काम किया गया।

दुर्घटना में मरने वालों की संख्या ओडिशा सरकार ने 275 बताया है। पहले इसे 288 बताया गया था। कहा जा रहा है कि पहले कुछ शवों को दो बार गिना गया था। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने पीटीआई को बताया कि, घायलों की संख्या 1,175 है और उनमें से कई को पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब, 300 से कम मरीज अस्पताल में हैं। 187 शवों की पहचान की जानी बाकी है, उन्हें रखना चुनौती साबित हो रहा है। दुर्घटना के बाद बड़ी संख्या में शवों के कारण ओडिशा मुर्दाघर की कमी का सामना कर रहा है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 110 शवों को एम्स भुवनेश्वर में रखा गया है, जबकि बाकी दूसरे अस्पतालों में हैं.  रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि जब तक ओवरहेड इलेक्ट्रिक केबल की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक केवल डीजल इंजन ही चल सकते हैं और इलेक्ट्रिक ट्रेनों के चलने में तीन दिन और लगेंगे। रेलवे ने कहा है कि उसने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 139 पर विशेष इंतजाम किए हैं। रेलवे के अधिकारियों की एक टीम लगातार हेल्पलाइन पर काम कर रही है और जोनल रेलवे और राज्य सरकार के साथ समन्वय के बाद कॉल करने वालों को सभी जरूरी जानकारी प्रदान कर रही है। ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। दोनों ट्रेनों में कई यात्री प्रवासी श्रमिक थे। रेलवे ने कहा कि भले ही पीड़ित बिना टिकट यात्री हों, उन्हें मुआवजा मिलेगा। रेलवे ने ओडिशा में हुई दुर्घटना के कारण 123 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, 56 को डायवर्ट किया है, 10 को शॉर्ट-टर्मिनेट किया है और 14 ट्रेनों को रिशेड्यूल किया है। इन ट्रेनों में 3 जून से शुरू होकर 7 जून तक की यात्रा वाली ट्रेनें शामिल हैं। ओडिशा ट्रेन हादसे पर राजनीति जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर से केंद्र पर निशाना साधा और सवाल किया कि ट्रेनों में टक्कर रोधी प्रणाली क्यों नहीं है? ममता बनर्जी ने कहा, जब कल वह (रेल मंत्री) मेरे साथ मौजूद थे और मैंने टक्कर रोधी उपकरण के बारे में उल्लेख किया, तो उन्होंने अपना मुंह क्यों नहीं खोला? दाल में कुछ काला है, हम चाहते हैं कि सच सामने आए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र पर हमला करते हुए पूछा कि 270 से अधिक लोगों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने यहां तक ​​मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से उनका इस्तीफा मांगें। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पूर्व सांसद राहुल पर पलटवार करते हुए कहा, "कौन जवाबदेही से भाग रहा है? हमारे केंद्रीय मंत्री दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे और अपनी ड्यूटी कर रहे थे। राहुल गांधी विदेश जाते हैं और भारत को बदनाम करते हैं।"
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