¨हदी पढ़ाने संबंधी सर्कुलर पर नहीं करें अमल

राज्य में ¨हदी की पढ़ाई थोपे जाने का विरोध जारी रखते हुए तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को दो विश्वविद्यालयों को ¨हदी पढ़ाने संबंधी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सर्कुलर पर अमल नहीं करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार ने अपने निर्दे

By Edited By: Publish:Thu, 18 Sep 2014 06:39 PM (IST) Updated:Thu, 18 Sep 2014 06:39 PM (IST)
¨हदी पढ़ाने संबंधी सर्कुलर पर नहीं करें अमल

चेन्नई। राज्य में ¨हदी की पढ़ाई थोपे जाने का विरोध जारी रखते हुए तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को दो विश्वविद्यालयों को ¨हदी पढ़ाने संबंधी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सर्कुलर पर अमल नहीं करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने अपने निर्देश में कहा है कि पूर्व में संप्रग सरकार द्वारा लिया गया निर्णय बाध्यकारी नहीं होगा।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा इस कदम की शुरुआत की गई थी और यह राज्य में ¨हदी थोपे जाने जैसा है। उन्होंने कहा कि अन्ना यूनिवर्सिटी और अलगप्पा यूनिवर्सिटी को 16 सितंबर को सर्कुलर प्राप्त हुआ है। इसमें कहा गया है कि अंडर ग्रेजुएट कोर्स में अंग्रेजी के साथ ¨हदी भी प्राथमिक भाषा के रूप में पढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय 28 जुलाई, 2011 को केंद्रीय ¨हदी समिति की बैठक में लिया गया था। उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। जयललिता ने कहा कि उस समय समिति ने कहा था कि गुजरात में छात्र अंग्रेजी या ¨हदी के साथ ग्रेजुएट हुए और इस कारण वे केंद्र सरकार के विभागों में अनुवाद करने में कुशल नहीं थे। उनके मुताबिक समिति ने यूजीसी को यह सुनिश्चत करने के लिए कहा था कि अंग्रेजी के साथ ¨हदी भी पढ़ाई जाए। इससे पता चलता है कि समिति की इस बैठक में लिए गए निर्णय से ही ¨हदी थोपने के प्रयास की शुरुआत हुई थी।

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