Agnipath Scheme: अग्निवीरों के लिए शुरू होगा तीन वर्षीय विशेष डिग्री कोर्स, शिक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

शिक्षा मंत्रालय ने इग्नू को अग्निवीरों के कौशल विकास के लिए विशेष डिग्री कोर्स को डिजाइन करने की मंजूरी दे दी है। तीनों सेनाओं के साथ जल्द इग्नू का समझौता होगा। अग्निवीरों को दी जाने वाली यह विशेष डिग्री दुनिया भर में मान्य होगी।

By Deepak YadavEdited By: Publish:Wed, 15 Jun 2022 09:05 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jun 2022 07:11 AM (IST)
Agnipath Scheme: अग्निवीरों के लिए शुरू होगा तीन वर्षीय विशेष डिग्री कोर्स, शिक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी
मंगलवार को सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजनी की घोषणा हुई थी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों के भविष्य को संवारने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने तीन वर्षीय एक विशेष डिग्री कोर्स शुरू करने की मंजूरी दी है। जिसका संचालन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) करेगा। मंत्रालय ने इग्नू को इस खास कोर्स को डिजाइन करने का जिम्मा सौंपा है। जिसका पचास प्रतिशत हिस्सा कौशल विकास से जुड़ा होगा, जबकि पचास प्रतिशत हिस्सा विषय से जुड़ा होगा। कौशल विकास से जुड़े पचास प्रतिशत हिस्से में अग्निवीरों के सेना में दिए गए चार सालों के समय और उनके कार्यों को जोड़ा जाएगा।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अगुवाई में हुई उच्च स्तरीय बैठक में अग्निवीरों के लिए इस खास कोर्स को शुरू करने की मंजूरी दी गई है। इसे लेकर तीनों सेनाओं और इग्नू के बीच जल्द ही करार होगा। इसके विशेष कोर्स के फ्रेमवर्क को लेकर सेना के साथ अंतिम दौर की बातचीत चल रही है।

इस खास स्नातक डिग्री कोर्स को लेकर फिलहाल जो मसौदा तैयार किया गया है, उसमें पचास प्रतिशत अंक कौशल से जुड़े प्रशिक्षण के होंगे। जो अग्निवीरों की चार साल की सेवाओं के दौरान तकनीकी व गैर-तकनीकी अनुभव के आधार पर तय किया जायेगा। वहीं बाकी के पचास प्रतिशत अंक विषयों से तय होगा। जिसमें भाषा, इतिहास के साथ अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान,लोक प्रशासन,समाजशास्त्र,वाणिज्य, पर्यटन, कृषि व ज्योतिष जैसे प्रमुख विषयों को शामिल किया गया है।

इसके साथ ही पर्यावरण अध्ययन और संचार कौशल को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। खास बात यह है कि यह खास कोर्स यूजीसी व एआइसीटीई सहित सभी नियामकों की ओर से मान्य होगा। साथ ही यह डिग्री देश और दुनिया में सभी जगह मान्य होगी।

गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय ने यह कदम अग्निवीरों के भविष्य को भी बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। वहीं सेना का भी फोकस है कि वह अग्निवीरों को सेना से एक सम्मानजनक विदाई दे, ताकि वह सेना से हटने के बाद भी अपने जीवन को बेहतर ढंग से संवार सकें।

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