अल-हिंद आइएस बेंगलुरु मॉड्यूल केस में आरोपित पर ईनाम घोषित, आतंकी वारदात के भर्तियों का है आरोप
अल-हिंद आइएस बेंगलुरु मॉड्यूल केस में भगोड़े आरोपित अब्दुल मथीन की गिरफ्तारी के लिए एनआइए ने सूचना देने वाले को तीन लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। अल-हिंद आइएस बेंगलुरु मॉड्यूल केस में भगोड़े आरोपित अब्दुल मथीन की गिरफ्तारी के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सूचना देने वाले को तीन लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है। एक अधिकारी ने बताया कि 26 वर्षीय मथीन कर्नाटक में शिमोगा का निवासी है। यह मामला महबूब पाशा, खाजा मोइदीन और उसके सहयोगियों द्वारा आइएस से प्रेरित आतंकी समूह के गठन से जुड़ा है। ये लोग तमिलनाडु में एक हिंदू नेता की हत्या में भी शामिल थे।
12 आरोपितों की हो चुकी है गिरफ्तारी
पाशा ने 2019 में बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने और अफगानिस्तान व सीरिया में आइएस के लिए भर्तियां करने की साजिश रचने के लिए कई बैठकें की थीं। इस मामले में अब तक 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें पाशा, इमरान, मुहम्मद हनीफ खान, मुहम्मद मंसूर, अली खान, सलीम खान, हुसैन शरीफ, एजाज पाशा, जबिउल्ला, सैयद अजमतुल्ला, सैयद फैसुर रहमान, मुहम्मद जैद और सादिक बाशा शामिल हैं। मथीन इनमें से सलीम और जैद का दोस्त था और इनके जरिये ही उसने अल-हिंद ट्रस्ट के पाशा से संपर्क किया था।
2013 में इंडियन मुजाहिदीन दो भागों में टूट गया
गौरतलब है कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन साल 2013 में इसके इंडियन हेड यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद दो भागों में टूट गया था। उसके बाद नया संगठन अल-हिंद आइएस बना था, लेकिन यह बताया जाता है कि इंडियन मुजाहिदीन के दो भागों में टूटने का प्रमुख कारण बॉस रियाज भटकल और इक़बाल भटकल में से इक़बाल का गुस्सैल रवैया होना था। इकबाल उन गुर्गों को खुलेआम धमकाता था जो आत्मघाती हमले को अंजाम देने से मना करता था।