एनजीटी के रडार पर गंगा किनारे के बिजली संयंत्र

न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय से इस संबंध में हलफनामा के साथ टिप्पणी दाखिल करने को कहा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Tue, 04 Jul 2017 07:30 PM (IST) Updated:Tue, 04 Jul 2017 07:30 PM (IST)
एनजीटी के रडार पर गंगा किनारे के बिजली संयंत्र
एनजीटी के रडार पर गंगा किनारे के बिजली संयंत्र

नई दिल्ली, प्रेट्र। गंगा नदी में अपशिष्ट छोड़ने वाले ताप बिजली संयंत्र नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के रडार पर आ गए हैं। इन संयंत्रों ने गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण रोकने के लिए क्या पर्याप्त उपाय किए हैं, इस संबंध में एनजीटी ने रिपोर्ट तलब की है।

एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय से इस संबंध में हलफनामा के साथ टिप्पणी दाखिल करने को कहा है। साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि बिजली संयंत्रों से निकलने वाले फ्लाई एश को पर्यावरण और गंगा तथा उसकी सहायक नदियों में मिलने से रोकने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं या नहीं।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि इस संबंध में ताप बिजली संयंत्रों खासकर उत्तर प्रदेश के संयंत्रों में कमियों का उल्लेख रिपोर्ट में किया जाए। एनजीटी ने दोनों मंत्रालयों से पुराने संयंत्रों को बंद करने और नई तकनीक वालों को अनुमति देने की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की राय पर भी टिप्पणी देने को कहा है। ट्रिब्यूनल एनजीओ इंडियन काउंसिल फॉर एनवायरो लीगल एक्शन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में गंगा किनारे स्थित ताप बिजली संयंत्रों के लिए कानून बनाने की मांग की गई है।

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