अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कैसे मुसलमानों से लिया जाएगा चंदा, विहिप ने रखी यह शर्त

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि श्रीराम को अवतार या महापुरुष मानने वाले मुस्लिमों से मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रहण करने में कोई आपत्ति नहीं है। मंदिर निर्माण के लिए देश के चार लाख गांवों में जाने की योजना थी।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 07:46 PM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 08:38 PM (IST)
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कैसे मुसलमानों से लिया जाएगा चंदा, विहिप ने रखी यह शर्त
अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रहण

 भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर परिसर के निर्माण में मुख्य संरचना सहित लगभग 1,100 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक का दान ऑनलाइन मिला है। राम मंदिर लगभग साढ़े तीन साल में पूरा होने की उम्मीद है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बुधवार को कहा कि श्रीराम को अवतार या महापुरुष मानने वाले मुस्लिमों से मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रहण करने में कोई आपत्ति नहीं है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए देश के छह लाख में से चार लाख गांवों में जाने की योजना थी, पर विभिन्न स्तरों पर बैठकों के बाद तय किया गया है कि अब 5.25 लाख गांवों में जाएंगे और 11 के बजाय 13 करोड़ परिवारों से निधि संग्रह करेंगे। मध्य प्रदेश में 50 हजार गांव और सवा करोड़ परिवारों में साढ़े छह करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है। वे यहां विश्व संवाद केंद्र में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। 

विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष ने मध्य प्रदेश में दी जानकारी

आलोक कुमार ने कहा कि मंदिर निर्माण में सरकार का सहयोग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि यह काम ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से हो, इसलिए तीन बैंकों में निधि जमा की जाएगी। पांच लोगों की टीम निधि एकत्र करेगी। इनके ऊपर एक संग्राहक होगा, जो टीमों से राशि लेकर प्रत्येक 48 घंटे में बैंक में जमा करेगा। उन्होंने बताया कि 10 से 1000 रुपये के कूपन रहेंगे और 2000 रुपये या उससे अधिक राशि पर रसीद दी जाएगी। आलोक कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2024 तक रामलला के मंदिर के गर्भगृह में दर्शन कराना है। मंदिर के साथ शोधार्थियों के लिए पुस्तकालय, अभिलेखागार, संग्रहालय, अनुसंधान केंद्र, यज्ञशाला, वेद पाठशाला, सत्संग भवन सहित तमाम सुविधाएं रहेंगी। 

आठ करोड़ एकत्र किए थे, जिनसे पत्थर तराशे गए

1990 में विहिप द्वारा किए गए निधि संग्रह का क्या हुआ, इसके जवाब में आलोक कुमार ने बताया कि उस समय आठ करोड़ रुपये एकत्र हुए थे। इनसे मंदिर के लिए पत्थर लाए गए और उन्हें तराशा गया। इसमें से कुछ राशि बची है, जिसका इस्तेमाल अब होगा। पथराव की घटनाओं पर दुख और चिंता आलोक कुमार ने निधि संग्रह शुरू होने से पहले मध्य प्रदेश में जनजागरण के लिए निकाली जा रही रैलियों पर पथराव की दो घटनाओं पर दुख और चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस पूरे आंदोलन में टकराव की स्थिति नहीं बनने देंगे। अयोध्या में मंदिर बन रहा है, तो मस्जिद के लिए भी वहीं जगह मिली है। निधि संग्रहण के दौरान जुलूस निकालने पर बोले कि ऐसा नहीं करेंगे, पर कोई भजन-कीर्तन करता है, तो उसे रोकेंगे भी नहीं।

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