पाकिस्तान में हैं रिश्तेदार, पर इस मुस्लिम परिवार के लिए रिश्तों से ज्यादा है देश की परवाह

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर मप्र के लोग बोले-देश सर्वोपरि। कहा-हम तो चाहते हैं कि हर तरफ शांति और अमन-चैन रहे।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 10 Aug 2019 08:40 PM (IST) Updated:Sat, 10 Aug 2019 09:47 PM (IST)
पाकिस्तान में हैं रिश्तेदार, पर इस मुस्लिम परिवार के लिए रिश्तों से ज्यादा है देश की परवाह
पाकिस्तान में हैं रिश्तेदार, पर इस मुस्लिम परिवार के लिए रिश्तों से ज्यादा है देश की परवाह

शाजापुर(मध्यप्रदेश), मोहित व्यास। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही भारत में रह रहे वह लोग पसोपेश में हैं, जिनके सगे-संबंधी पाकिस्तान में रहते हैं। त्योहार, पारिवारिक आयोजनों और इलाज के लिए इन परिवारों का दोनों देशों में आना-जाना लगा रहता है। दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव से ये लोग खुश नहीं हैं, लेकिन उनका यह भी कहना है कि रिश्ते अपनी जगह हैं, लेकिन देश सबसे पहले है।

मध्य प्रदेश के शाजापुर के हाट मैदान में रहने वाले सैयद महमूद की बहन नरगिस करीब 18 वर्ष पहले पाकि स्तान के कराची में ब्याही थीं। उनका दस वर्ष का बेटा सैयद हसन निशक्त है। उसका पाकिस्तान के साथ शाजापुर और इंदौर में भी इलाज चल रहा है। बेटे के इलाज के सिलसिले में ही नरगिस नवंबर 2017 में भारत आई थीं। दोनों देशों के बीच तल्खी को लेकर सैयद महमूद का कहना है कि हम तो यही चाहते हैं कि हर तरफ शांति, अमन-चैन रहे। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही रिश्ते सामान्य हो जाएं।

'जब अटल थे विदेश मंत्री तब मामा आए थे भारत'
नूर मंडी क्षेत्र में रहने वाले अब्दुल हुसैन के मामा जमालउद्दीन कुरैशी भी पाकि स्तान में रहते हैं। जब अटलबिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे, तब वह पहली बार भारत आए थे। उसके बाद से रिश्तेदारों से मिलने उनका भारत आना-जाना लगा रहता है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने पर हुसैन का कहना है-हमारे लिए रिश्ते से पहले देश है। हम दिल से चाहते हैं कि अमन बना रहे और सब खुशहाल रहें।

बता दें कि केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए Jammu Kashmir से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया। राष्ट्रपति के आदेश पर यह अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से हटा दिया गया। इसी के साथ जम्मू और कश्मीर राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।

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