स्टार्टअप कंपनियां बना रहीं सफलता के नये प्रतिमान, ई-कामर्स कंपनियों में बढ़ेंगी नियुक्तियां
रोजगार परक शिक्षा कौशल विकास नवाचार और रोजगार सृजन की छवि समृद्ध हो रही है। सेवा प्रदाता स्टार्टअप्स जैसे जोमैटो स्विगी ओला डुंजो और अर्बन कंपनी में डिलीवरी ब्वाय और ड्राइवर के रूप में करीब डेढ़ करोड़ की बड़ी आबादी को नियोजन मिला है। इन्हें गिग वर्कर्स कहा जाता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या के मामले में दूसरे नंबर पर मौजूद भारत में रोजगार के अवसर बनाना एक चुनौती है और महती आवश्यकता भी। देश में युवाओं की उद्यमशीलता और कुशलता को चमकाने का काम बीते कुछ वर्ष से चल रहा है। सिलिकान वैली में क्षमता साबित करने के बाद अब हमारे युवा स्टार्टअप से स्वावलंबन की मजबूत पटकथा लिख रहे हैं। रोजगार परक शिक्षा, कौशल विकास, नवाचार और रोजगार सृजन की छवि समृद्ध हो रही है। यह वर्ष भी काफी कुछ सकारात्मक लेकर आएगा, ऐसी आशा है:
गिग वर्कर्स का भी ध्यान सेवा प्रदाता स्टार्टअप्स जैसे जोमैटो, स्विगी, ओला, डुंजो और अर्बन कंपनी में डिलीवरी ब्वाय और ड्राइवर के रूप में करीब डेढ़ करोड़ की बड़ी आबादी को नियोजन मिला है। इन्हें गिग वर्कर्स कहा जाता है। सरकार इस क्षेत्र में काम करने वालों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने उद्देश्य से एक नीति बनाई है। इसके प्रभाव इस वर्ष देखने को मिलेंगे। सरकार निजी डाटा संरक्षण विधेयक का निर्णायक प्रारूप तैयार कर रही है। इससे देश में काम कर रही ई-कामर्स और टेक कंपनियों पर प्रभाव पड़ेगा और उन्हें कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं।
स्किल इंडिया अभियान के बडे़ लक्ष्य पर विशेष ध्यान
आइटी, फार्मा और ई-कामर्स कंपनियों में बढ़ेंगी नियुक्तियां इंडिया स्किल्स रिपोर्ट-2022 के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी), फार्मा उद्योग, ई-कामर्स और र्बैंंकग क्षेत्रों में देश में सर्वाधिक रोजगार उत्पन्न होंगे। 2021 की तुलना में यह क्षेत्र 20 प्रतिशत अधिक युवाओं की भर्ती कर सकते हैं। रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों में बीटेक और एमबीए स्नातकों को रोजगार के सर्वाधिक काबिल पाया गया है। उत्तर प्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र और केरल में रोजगार के काबिल युवाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है।
स्टार्टअप कंपनियां बना रहीं सफलता के नये प्रतिमान
नये क्षेत्र जगा रहे उम्मीद
साइबर सुरक्षा का बाजार अभूतपूर्व तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। 2019 में 14,000 करोड़ का बाजार 2025 में 29,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
कृषि और ग्रामीण क्षेत्र पर फोकस जीरो बजट खेती का संदेश पीएम नरेन्द्र मोदी ने दिया है। इस पर इस वर्ष काम आगे बढ़ेगा। ग्रामीण महिलाओं को आजीविका मिशन के अंतर्गत पिछले वर्ष सरकार की तरफ से सहायता प्रदान की गई है। इससे आने वाले समय में अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी।