सरकारी सिस्टम से हारा कारगिल युद्ध का हीरो, टूटा सब्र का बांध; जानिए क्या है मामला

Kargil War, सेना में 15 साल की नौकरी के दौरान विजय को उत्कृष्ट सेवा के 9 अवार्ड मिले हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में उनकी इन उपलब्धियों का कोई मतलब नहीं है।

By Arti YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 12:40 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 12:40 PM (IST)
सरकारी सिस्टम से हारा कारगिल युद्ध का हीरो, टूटा सब्र का बांध; जानिए क्या है मामला
सरकारी सिस्टम से हारा कारगिल युद्ध का हीरो, टूटा सब्र का बांध; जानिए क्या है मामला

रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले भूतपूर्व सैनिक विजय कुमार डागा (vijay kumar daga) की नियुक्ति 1999 में कश्मीर में थी। कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान उनकी टुकड़ी ने पहाड़ पर बेहद ठंड में युद्ध कौशल और बहादुरी का प्रदर्शन किया। 2001 में जब संसद पर आतंकी हमला हुआ, तो विजय की ड्यूटी राजस्थान में पाकिस्तानी सीमा पर थी। उनकी टुकड़ी को तत्काल बार्डर पर रवाना किया गया।

सेना में 15 साल की नौकरी के दौरान विजय को उत्कृष्ट सेवा के 9 अवार्ड मिले हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में उनकी इन उपलब्धियों का कोई मतलब नहीं है। भूतपूर्व सैनिकों के लिए नियम है कि अगर उसने 15 साल की सेवा पूरी की है तो, उसे ग्रेजुएट मान लिया जाएगा। उद्यानिकी विभाग के अफसर कह रहे हैं कि हमें नियम लाकर दिखाओ तो मानें। विभाग की चयन समिति ने विजय और उनकी तरह अन्य 14 भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति रोक दी है। इससे सैनिकों का सब्र टूट रहा है।

मेरिट सूची में प्रथम स्थान फिर भी नौकरी हासिल नहीं

विजय ने भूतपूर्व सैनिक कोटे से ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के पद के लिए आवेदन किया था। लिखित परीक्षा में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों में मेरिट सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया। भूतपूर्व सैनिक साल भर से मंत्रालय से उद्यानिकी संचालनालय तक अफसरों के चक्कर काट रहा है। विभागीय सचिव केडीपी राव ने कहा कि मेरे संज्ञान में यह बात अभी आई है। अगर नियम हैं तो भूतपूर्व सैनिक को नौकरी जरूर दी जाएगी। मैं मामला मंगवाकर देखूंगा।

जानिए क्या है पूरा मामला

संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी ने जुलाई 2017 में ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के 348 पदों पर सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इसमें से 34 पद भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित थे। 13 अगस्त 2017 को परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा के लिए कृषि, उद्यानिकी या कृषि इंजीनियरिंग में डिग्री मांगी गई थी। विजय ने प्रथम वर्ष तक की पढ़ाई की है और ग्रेजुएट नहीं हैं, लेकिन उसने परीक्षा मेरिट से पास की है।

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