हेलीकॉप्टर से उतरते वक्त निशाना बना था गुरसेवक

पठानकोट में आतंकी हमले में शहीद हुए गुरसेवक सिंह का शव देर रात यहां एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंच गया। पिता सुच्चा सिंह भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और बेटे के शव से लिपट कर रो पड़े।

By Manish NegiEdited By: Publish:Mon, 04 Jan 2016 12:10 AM (IST) Updated:Mon, 04 Jan 2016 02:49 AM (IST)
हेलीकॉप्टर से उतरते वक्त निशाना बना था गुरसेवक

अंबाला। पठानकोट में आतंकी हमले में शहीद हुए गुरसेवक सिंह का शव देर रात यहां एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंच गया। पिता सुच्चा सिंह भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और बेटे के शव से लिपट कर रो पड़े। बताते हैं कि देश का यह लाल आतंकियों को खत्म करने के लिए हेलीकाप्टर से नीचे उतर रहा था कि उनका निशान बन गया। गर्दन में गोली लगने से वह शहीद हो गया।

शहीद गुरसेवक का पार्थिव शव विशेष विमान से रविवार रात करीब 9 बजे एयरफोर्स स्टेशन में उतारा गया। शव को लाए जाने की सूचना परिजनों को पहले ही दे दी गई थी। कैबिनेट मंत्री अनिल विज के साथ पहुंचे शहीद के परिजनों को अंबाला शहर के डीसीपी जश्नदीप सिंह रंधावा ने एयरफोर्स अधिकारियों से बातचीत कर परिजनों की एयरफोर्स स्टेशन में प्रवेश कराया। पिता सुच्चा सिंह शव को देखते ही उससे लिपटकर रोने लगे। शहीद के बड़े भाई हरदीप ने पिता को संभाला, लेकिन खुद शव से लिपटकर रोने लग गए। शव को सेना हॉस्पिटल में रखवा दिया गया। सोमवार सुबह एयरफोर्स के अधिकारियों की अगुवाई में पैतृक गांव में ले जाया जाएगा, जहां 11 बजे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहेंगे।

आदमपुर में थी तैनाती

गुरसेवक की ड्यूटी आदमपुर में थी। जैसे ही पठानकोट में हमले की सूचना आई तो आदमपुर से 150 जवानों की एक टुकड़ी हेलीकाप्टर से पठानकोट के लिए रवाना हो गई। गुरसेवक के शहीद होने की सूचना परिजनों को एयरफोर्स से नहीं बल्कि उसके बड़े भाई हरदीप ¨सह के माध्यम से घर पहुंची। धर्मशाला में सेना के 59 इंजीनियर बटालियन में तैनात बड़े भाई को गुरसेवक ¨सह के शहीद होने की सूचना मिली थी।

सोशल मीडिया पर भी श्रद्धांजलि

सोशल मीडिया पर भी शहीद गुरसवेक को को श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी था। फेसबुक हो या व्हाट्सअप हर जगह केवल शहीद की फोटो और बहादुरी के किस्सों को ही एक दूसरे के साथ शेयर किया जा रहा था।

पढ़े : मेहंदी का रंग भी नहीं पड़ा फीका और मिट गया सुहाग

chat bot
आपका साथी