बिजनौर में आतंकियों के पनाहगार गिरफ्तार

बिजनौर में विधानसभा चुनाव के एक दिन पहले एक मकान में विस्फोट के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दहलाने की योजना तैयार करने वाले फिलहाल तो पकड़ से बाहर हैं, लेकिन एसटीएफ ने इनके तीन पनाहगारों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित सामग्री मिली है। यूपी एटीएस तथा एसटीएफ के साथ एनआइए की टीमें बिजनौर

By Edited By: Publish:Sat, 20 Sep 2014 02:32 PM (IST) Updated:Sat, 20 Sep 2014 02:32 PM (IST)
बिजनौर में आतंकियों के पनाहगार गिरफ्तार

लखनऊ। बिजनौर में विधानसभा चुनाव के एक दिन पहले एक मकान में विस्फोट के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दहलाने की योजना तैयार करने वाले फिलहाल तो पकड़ से बाहर हैं, लेकिन एसटीएफ ने इनके तीन पनाहगारों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित सामग्री मिली है। यूपी एटीएस तथा एसटीएफ के साथ एनआइए की टीमें बिजनौर तथा पास के क्षत्र में गांवों के साथ गन्ने के खेतों में भी सिमी के आतंकियों की तलाश में लगी है।

तीन आतंकियों के बिजनौर में भाटान में भी दूसरे ठिकाने का खुलासा होने के बाद गिरफ्त में आए मकान मालिक, रईस, उसके पुत्र उसके पुत्र अब्दुल्ला और उनके मकान में किराए पर रहने वाली थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम ऊमरी निवासी हुसैना को पुलिस ने जब पूछताछ की तब इन तीनों की निशानदेही पर बम बनाने में प्रयुक्त सामान व विस्फोटक बरामद हुआ है। इन लोगों ने सामान बेड में एक बैग में छिपा कर रखा था। बैग से डेटोनेटर, बैट्री, तार व मोबाइल और एक लाख 80 हजार रुपये और मोबाइल मिला। तीनों कुछ विस्फोटक को नष्ट कर भी कर चुके थे।

गौरतलब है कि 12 सितंबर को बिजनौर के मोहल्ला जाटान के लीलावती के मकान में विस्फोट के बाद तीन आतंकियों के फरार होने के दौरान डाकखाना चौराहे पर सीसीटीवी फुटेज में इनकी मदद को आए तीन अन्य आतंकियों के बारे में भी तीसरे दिन खुलासा हुआ था। पुलिस और एटीएस लगातार तब से खोजबीन में लगी थी कि बाकी तीन आतंकी रह कहां रहे थे। आखिरकार आतंकियों का दूसरा ठिकाना मोहल्ला भाटान स्थित टेलर रईस का मकान निकला।

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हुस्ना और रईस की होती थी आतंकियों से बात

हुस्ना के पास से मिले मोबाइल से आतंकियों से सैकड़ों बार बात करने का खुलासा हुआ है। विस्फोट से पूर्व और बाद की हुस्ना व रईस अहमद की काल डिटेल पर सुरक्षा एजेंसियों की खास नजर है। 12 को मकान में बम विस्फोट होने से पहले हुस्ना की इन आतंकियों से मोबाइल पर बात हुई थी। विस्फोट से पूर्व व बाद की हुस्ना और रईस अहमद की काल डिटेल पर भी सुरक्षा एजेंसियों की खास नजर है।

उमरी के जंगल में कराया झुलसे आतंकी ने इलाज

गिरफ्तार रईस के मकान में आतंकी अमजद, असलम व सालिक उर्फ सल्लू रहते थे। वहीं जाटान में लीलावती के मकान में आतंकी महबूब गुडडू उर्फ मलिक, एजाजुद्दीन उर्फ रियाज व जाकिर हुसैन उर्फ विक्की डॉन रहते थे। 12 को मोहल्ला जाटान में स्थित मकान में जब बम बनाते हुए विस्फोट में महबूब झुलस गया। इसके बाद उसे उपचार के लिए डाकघर चौराहे पर स्थित डा.शहजाद के क्लीनिक पर ले जाया गया। वहां से महबूब को अमजद व असलम बाइक से मोहल्ला भाटान ले गए। वहीं अन्य तीनों किसी अन्य स्थान पर चले गए। भाटान के मकान पर पहुंचने के बाद आतंकी अमजद झालू निवासी फुरकान से मिला और वहां पर किराए पर कमरा दिलाने को कहा, लेकिन वह उसे कमरा दिलाने में नाकाम रहा। फुरकान ने एक मदरसा संचालक से बात की, तो उसने भी इंकार कर दिया। इसके बाद हुस्ना से आतंकियों ने बात की, तो वह अपने गांव के जंगल में पनाह देने को राजी हो गई। 12 की दोपहर ही हुस्ना अपनी बहन को लेकर गांव चली गई। देर रात्रि में ही झुलसे आतंकी समेत तीनों गांव उमरी के जंगल में पहुंच गए। वहां एक खेत में तीनों छिप गए। 13 की सुबह हुस्ना एक हकीम को लेकर जंगल में पहुंची। झुलसे महबूब का इलाज कराया। साथ ही आतंकियों के लिए खाना भी बनाकर ले गई। 14 की रात तक तीनों जंगल में ही रहे। 15 की सुबह तीनों वहां से बाइक पर बैठकर भाग गए। इसके बाद हुस्ना भी बिजनौर वापस आ गई। रईस ने आतंकियों को अपने घर में भी पनाह दी। साथ ही अपने कंप्यूटर का भी इस्तेमाल करने दिया।

आज होगी रिमांड पर सुनवाई

पुलिस ने आतंकियों की मदद करने के मामले में मकान स्वामी रईस, उसके पुत्र अब्दुल्ला व महिला हुस्ना के खिलाफ तीन-तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। सीजेएम निकुंज मित्तल ने इन तीनों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। अब इन आतंकियों की जानकारी को पूछताछ के लिए पुलिस की दस दिन के रिमांड के लिए सुनवाई आज होगी।

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