Tamil Nadu: 'देश के विकास के लिए सेतुसमुद्रम परियोजना को फिर से शुरू करने की जरूरत'- CM स्टालिन

केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक बहाने से इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अगर यूपीए शासन के दौरान शुरू हुई इस परियोजना की अनुमति दी जाती तो तमिलनाडु का फायदा होने के साथ देश का जबरदस्त विकास होता।

By AgencyEdited By: Publish:Sun, 08 Jan 2023 12:15 PM (IST) Updated:Sun, 08 Jan 2023 12:15 PM (IST)
Tamil Nadu: 'देश के विकास के लिए सेतुसमुद्रम परियोजना को फिर से शुरू करने की जरूरत'- CM स्टालिन
Tamil Nadu: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन (फाइल फोटो)

चेन्नई, एजेंसी। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने रामेश्वरम में राम सेतु की वास्तविक मौजूदगी के केंद्र के दावे के मद्देनजर सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना को फिर से शुरू करने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए इस परियोजना को पुनर्जीवित करने की वकालत की है।

तमिलनाडु को होता फायदा- सीएम स्टालिन

डीएमके ने 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान दक्षिणी तमिलनाडु के लोगों को आर्थिक लाभ देने के लिए सत्ता में आने पर परियोजना को पूरा करने का वादा किया था। वहीं, केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक बहाने से इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अगर यूपीए शासन के दौरान शुरू हुई इस परियोजना की अनुमति दी जाती तो तमिलनाडु का फायदा होने के साथ देश का जबरदस्त विकास होता।

औद्योगिक विकास को मिलता बढ़ावा- सीएम स्टालिन

शनिवार रात पूर्व केंद्रीय मंत्री और डीएमके के वरिष्ठ नेता टी आर बालू की आत्मकथा 'पथिमारा पायनम' का विमोचन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को रोकने के पीछे भाजपा थी। इस प्रोजेक्ट से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलता। साथ ही, मछुआरों की आजीविका और तटीय अर्थव्यवस्था में सुधार होता। लेकिन सभी विकास को भाजपा और उसकी सहयोगी अन्नाद्रमुक ने रोक दिया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में शिपिंग नहर बनाकर भारत और श्रीलंका के बीच पाक खाड़ी व मन्नार की खाड़ी को जोड़ने का प्रस्ताव है।

2 जुलाई 2005 को हुई थी इस प्रोजेक्ट की शुरुआत

बता दें कि 2 जुलाई 2005 को 2,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी। लेकिन राम सेतु के विध्वंस के खिलाफ पर्यावरणविदों और हिंदू कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद इसे बंद करना पड़ा।

Sanjay Raut: केंद्रीय मंत्रियों पर संजय राउत की आपत्तिजनक टिप्पणी, छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान पर भड़के

Pravasi Bharatiya Sammelan: जयशंकर बोले- 'विदेशों में रहकर भी मातृभूमि से जुड़े हैं भारतीय', हमेशा देंगे साथ

chat bot
आपका साथी