मुंबई: मॉनसून से होने वाली बीमारी से शहर बेहाल, जुलाई में स्वाइन फ्लू से 5 की मौत

स्वाइन फ्लु एक तरह से सांस से संबंधित बीमारी है जिसमें बुखार, कफ, गले का दर्द, शरीर दर्द औऱ थकान जैसे लक्षण पाए जाते हैं।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Tue, 18 Jul 2017 12:42 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jul 2017 12:44 PM (IST)
मुंबई: मॉनसून से होने वाली बीमारी से शहर बेहाल, जुलाई में स्वाइन फ्लू से 5 की मौत
मुंबई: मॉनसून से होने वाली बीमारी से शहर बेहाल, जुलाई में स्वाइन फ्लू से 5 की मौत

मुंबई (प्रेट्र)। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पिछले दो सप्ताह में H1N1 इंफ्लुएंजा से पीड़ित पांच लोगों की मौत हो चुकी है और दो लेप्टोस्पिरोसिस की चपेट में आ चुके हैं। सिटी सिविक अस्पताल ने ये जानकारी दी। बीएमसी के द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, जुलाई महीने के पहले पखवाड़े में सिविक अस्पतालों में H1N1 के 250 मामले दर्ज किये गए हैं जबकि 5 एयरबोर्न संक्रमण से पीड़ित हैं। जनवरी से अब तक H1N1 पीड़ितों की संख्या में 874 की वृद्धि हुई है जिनमें केवल मुंबई में 672 मामले हैं और बचे 202 मुंबई के बाहरी इलाकों से हैं। 

बीएमसी अधिकारी ने बताया, सिविक बॉडी मॉनसून में इस तरह के बीमारियों से लडने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, तापमान में उतार-चढ़ाव और हवा में नमी की उच्च मात्रा इस तरह के रोगों का कारण है इसके लिए लोगों को इससे बचने की सलाह दी जाती है। स्वाइन फ्लु एक तरह से सांस से संबंधित बीमारी है जिसमें बुखार, कफ, गले का दर्द, शरीर दर्द औऱ थकान जैसे लक्षण पाए जाते हैं। फ्लु के अलावा भी शहर में मॉनसून संबंधित दूसरे बीमारियों के केस भी दर्ज किये जा रहे हैं। जुलाई 1 से 15 के बीच 309 मलेरिया, 544 गैस्ट्रोएंटेराइटिस, 23 लेप्टोपिरोसिस और 28 डेंग्यु के मरीज पाए गए हैं।

कंजुरमार्ग के एक सब्जी बेचने वाले और माटुंगा के एक इलेक्ट्रिशियन की पिछले 15 दिनों में लेप्टोस्पिरोसिस से मौत हो चुकी है। यह एक बैक्टीरियल संक्रमण से होने वाली बीमारी है जो चूहों और कूत्तों के मूत्र के साथ दूषित पानी से फैलता है। दोनों शराब के आदी थे और उन्हें तीन-चार दिनों से बुखार और उल्टियां होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीएमसी के पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारी ने लोगों को हिदायत देते हुए कहा, इसमें घबराने की कोई बात नहीं है, अगर इस प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से इसकी जांच और इलाज अवश्य करायें।

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